कोरोना क़हर : कोविड के दौर में हर तरफ वायरस का डर फैला हुआ है। लोग संक्रमण के डर से नोटों को सैनिटाइजर से धो रहे हैं, जिससे करोड़ों रुपये के नोट खराब हो गए। फरीदाबाद के कई बैंकों की करंसी चेस्ट एजेंसियों के रेकॉर्ड के मुताबिक, कोरोना के समय में 14 करोड़ 40 लाख रुपये के नोट सैनिटाइजर से धुलने, कटने, फटने, जलने और चूहे के काटने की वजह से खराब हो गए। इनमें 2000, 500, 200 और 100 रुपये के नोट शामिल हैं।
बैंक अधिकारियों के मुताबिक, 2000 और 500 रुपये के नोटों की संख्या सबसे ज्यादा है। कोविड के दौरान सबसे ज्यादा करंसी खराब हुई। ये नोट केनरा बैंक करंसी चेस्ट एजेंसी के जरिए आरबीआई को भेजे जा चुके हैं। एसीबीआई और पंजाब नैशनल बैंक की करंसी चेस्ट एजेंसियों ने खराब नोटों के बंडल बनाकर रखे हैं जिन्हें आरबीआई भेजा जाएगा।
केनरा बैंक के चीफ मैनेजर शिव कुमार ने बताया कि नोट में वायरस का डर है, तो उसे 8 घंटे तक पेपर के बीच रख दें क्योंकि किसी भी पेपर में वायरस 8 घंटे तक ही रहता है। हाथ में सैनिटाइजर लगाकर लेन-देन करें। संक्रमण के डर से नोट को प्रेस कतई न करें। आरबीआई चंडीगढ़ के एजीएम योगेश अग्रवाल ने बताया कि सैनिटाइजर से धुलाई, जलने, कटने या फटने से नोट खराब हो जाता है, तो संबंधित बैंक में नोट बदल सकते हैं। बैंक किसी को मना नहीं कर सकते।
कहाँ कितने के नोट खराब
- केनरा बैंकः 4.60 करोड़
- एसबीआई: 7 करोड़
- पीएनबी : 2.80 करोड़
- कुल रकम : 14.40 करोड़
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