Friday, April 18, 2025

अप्रैल में इस दिन कुंभ राशि में आएंगे शनि, इन राशियों पर पढ़ेगा बड़ा प्रभाव

राशि। मकर राशि में चल रहे शनिदेव 29 अप्रैल से कुंभ राशि में गोचर करेंगे। इससे मिथुन, तुला से ढय्या समाप्त हो जाएगा व धनु की साढ़े साती उतरेगी। कर्क व वृश्चिक राशि पर ढय्या शुरू हो जाएगी। पंडित रामजीवन दुबे ने बताया कि शनिदेव का 29 अप्रैल को राशि परिवर्तन होगा। शनिदेव की चाल बहुत धीमी है। ये करीब ढाई साल तक एक ही राशि में रहते हैं। इस तरह तकरीबन 30 साल में फिर से अपनी ही राशि में आ जाते हैं। शनि देव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं। अभी तक ये मकर राशि में थे और अब 29 तारीख से कुंभ में आ जाएंगे। जिससे साढ़ेसाती और ढय्या की स्थिति बदलेगी। शनि के राशि परिवर्तन से तीन राशियों को शनि की ढय्या और साढ़ेसाती से राहत मिलेगी।

शनि के राशि परिवर्तन के साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढय्या शुरू हो जाएगी। इसकी वजह से इन राशियों के लोगों को कड़ी मेहनत करनी होगी। नौकरी और बिजनेस में स्थान परिवर्तन होने के साथ ही रहने की जगह में भी बदलाव होने के योग बनेंगे। शारीरिक परेशानियां भी बढ़ सकती हैं। पैर में चोट लगने या कोई ऑपरेशन होने की भी आशंका रहेगी। इन लोगों को गैरकानूनी कामों से बचना चाहिए। वरना परेशानियां बढ़ सकती हैं।

29 अप्रैल को शनि के कुंभ में आने से मीन राशि वालों पर शनि की साढ़े साती शुरू हो जाएगी। जिससे इस राशि के लोगों की परेशानियां बढ़ सकती हैं। साढ़े साती की वजह से कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं। अतिरिक्‍त मेहनत करनी पड़ेगी। दौड़-भाग ज्यादा होगी और उसका फायदा कम मिलेगा। कर्ज लेने जैसी स्थितियां बनेंगी। पैर में चोट लगने या दुर्घटना होने की आशंका है। संभलकर रहना होगा।

 

किस राशि पर साढ़ेसाती का कौन सा चरण रहेगा

शनि देव के कुंभ में आते ही धनु राशि से साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। वहीं, मकर राशि वालों पर इसका आखिरी चरण रहेगा। कुंभ राशि पर दूसरा और मीन राशि वाले लोगों पर साढ़े साती का पहला चरण शुरू होगा।

 

शनिदेव को प्रसन्‍न करने के लिए ये करें उपाय

– शनि के अशुभ असर को कम करने के लिए हर शनिवार शनिदेव को तेल चढ़ाने की परंपरा है।

– हनुमान जी की पूजा से भी शनि दोष कम होते हैं।

– हर दिन ऊँ शं शनैश्चराय नम: मंत्र का 108 बार जाप करने से भी शनि के अशुभ असर से राहत मिलती है।

– हर शनिवार तेल का दान करें। इसके लिए एक कटोरी में तेल लें और उसमें अपना चेहरा देखकर तेल का दान करें।

– शनिवार को काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तनों का और जूते-चप्पलों का दान भी किया जा सकता है।

 

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