भोपाल। बंगाल की खाड़ी में बने अति कम दबाव के क्षेत्र से मध्य प्रदेश में सक्रिय मानसून को विशेष नमी नहीं मिल पा रही है। इस वजह से लगातार वर्षा नहीं हो रही है। हालांकि मानसून द्रोणिका के लगतार प्रदेश में बने रहने से आ रही आर्द्रता के कारण अलग-अलग स्थानों पर कुछ वर्षा हो रही है। अभी तीन-चार दिन तक इस तरह की स्थिति बनी रहने की संभावना है। गुरुवार को भोपाल, नर्मदापुरम, जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर संभाग के जिलों में कहीं-कहीं तेज बौछारें पड़ सकती हैं।
बुधवार को सुबह साढ़े आठ बजे से शाम साढ़े पांच बजे तक गुना में 33, पचमढ़ी में 15, सागर में तीन, शिवपुरी में तीन, मलाजखंड में 0.8, नर्मदापुरम में 0.4 मिलीमीटर वर्षा हुई। इंदौर में बूंदाबांदी दर्ज की गई।
मौसम विज्ञान केंद्र से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में उत्तरी आंध्रा तट एवं उससे लगे दक्षिणी ओडिशा पर अति कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। मानसून द्रोणिका जेसलमेर, कोटा, रायसेन, छत्तीसगढ़, ओडिशा से होते हुए बंगाल की खाड़ी में उत्तरी आंध्रा तट एवं उससे लगे दक्षिणी ओडिशा पर बने अति कम दबाव के क्षेत्र से होकर बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। पश्चिमी राजस्थान पर हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात बना हुआ है।
उत्तर-पश्चिमी राजस्थान और उससे लगे मध्य प्रदेश पर भी हवा के ऊपरी भाग में एक चक्रवात है। इसके अतिरिक्त कोंकण से लेकर केरल तक एक अपतटीय द्रोणिका भी बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी में बना अति कम दबाव का क्षेत्र काफी मंद गति से आगे बढ़ रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि मौजूदा मौसम प्रणालियों के असर से पूरे प्रदेश में एवं लगातार वर्षा होने की उम्मीद नहीं है। अलग-अलग स्थानों पर गरज-चमक के साथ तेज बौछारें पड़ने का सिलसिला बना रहेगा।