भोपाल : अनुसूचित जाति कल्याण विभाग (अजाक) रीवा में हुए 2.10 करोड़ पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति घोटाले में दो कर्मचारियों को कलेक्टर इलैय्या राजा टी ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है। संबंधितों से कलेक्टर ने आडिट रिपोर्ट का जिक्र करते हुए पूछा है कि क्यों न अनुशासनात्मक कार्रवाई की वहीं शनिवार को एक कम्प्यूटर आपरेटर ने सरकारी खजाने में एक लाख की राशि जमा कराई है। इस तरह अभी तक गबन के 1, 78, 52,482 रुपए वसूले जा चुके हैं। कलेक्टर ने सहायक ग्रेड- 3 रामनरेश पटेल व कम्प्यूटर आपरेटर अनिल शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
वहीं एक अन्य मामले में सहायक ग्रेड -3 पटेल को दोषी पाया गया है। जिसके चलते उन्हे निलंबित किया जा चुका है। कलेक्टर का कहना है कि अगर 2.10 करोड़ के गबन मामले में विभागीय रूप से दोषी पाए जाते हैं, तो कार्रवाई को निलंबन के साथ जोड़ दिया जाएगा। साथ ही संबंधित के खिलाफ सख्त विभागीय कार्रवाई हो सकती है। अभी पूरे मामले की जांच जारी है।
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गत दिनों अजाक विभाग की आडिट रिपोर्ट आई थी। जिसमें विभागीय कर्मचारियों द्वारा 2.10 करोड़ का गबन का उल्लेख है। बताया गया है कि छात्रवृत्ति की राशि कर्मचारियों ने अपने व परिजनों के खाते में ट्रांसफर की है। रिपोर्ट में सहायक ग्रेड- 3 रामनरेश पटेल के नाम का जिक्र है कहा गया है कि रामनरेश पटेल, उनकी पत्नी सुमन सिंह, पुत्री सीमा कौशिक, पुत्र उदित सिंह और नीलेश कौशिक के नाम पर करीब 85.64 लाख की राशि ट्रांसफर की गई। मामला यहीं नहीं रूका है। बल्कि रिपोर्ट में संतोष कुमार पटेल का जिक्र है जो रामनरेश पटेल के भाई हैं।
इनके खाते में भी 2.37 लाख रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसी तरह क्लर्क रामसुफल पटेल का भी जिक्र है। उनके व परिजनों के नाम 21.13 लाख रुपए की राशि हस्तांतरिक की गई है। बताया गया है कि रिपोर्ट में रामसुफल पटेल की पत्नी मालती, पुत्र राजनीश पटेल, पुत्र अवनीश पटेेल के नाम राशि ट्रांसफर की गई है।
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