School at home : झारखंड के दुमका के एक गांव में कोरोनावायरस महामारी के बीच बच्चों की पढ़ाई न प्रभावित हो, इसके लिए सरकारी स्कूल के टीचरों ने बच्चों के घरों तक कक्षा लाने की मुहिम चलाई है.
यहां गरीब परिवारों के बच्चों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है, जिससे कि मार्च में ही स्कूल बंद होने के साथ वो पढ़ाई से महरूम चल रहे हैं. देशभर के सुदूर इलाकों में बड़ी संख्या में बच्चे हैं, जिनके पास न स्मार्टफोन है, न ही इंटरनेट.
लेकिन दुमका के इस गांव में सरकारी टीचर ‘शिक्षा आपके द्वार’ मुहिम चला रहे हैं, जिसके तहत टीचरों ने गाँवों में घरों की दीवारों पर ब्लैक बोर्ड बनाया है. खुले में चल रही इन कक्षाओं में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
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एक टीचर ने न्यूज़ एजेंसी को बताया ‘कोविड-19 के चलते पढ़ाई प्रभावित हुई है. यहां बच्चों के पास स्मार्टफोन नहीं थे. हमने ‘शिक्षा आपके द्वार’ मुहिम शुरू की, ताकि बच्चों की पढ़ाई न छूटे. गांव में बच्चों के घरों की दीवारों पर 100 से ज्यादा ब्लैकबोर्ड बनाए गए हैं।
कक्षा 6 में पढ़ने वाली पार्वती ने बताया, ‘कोविड-19 महामारी की वजह से हमारा स्कूल बंद हो गया था, तो हम गांव में खुद से पढ़ रहे हैं. हमें जो समझ नहीं आता है तो वो हम अपने टीचरों से समझ लेते हैं।
दुमका की डिप्टी कमिश्नर राजेश्वर बी ने इस मुहिम (School at home) की तारीफ की और कहा कि वो दूसरे टीचरों को भी यह तरीका अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेंगी।