भोपाल, School Fees in MP : फीस को लेकर स्कूल और अभिभावकों के बीच तकरार शुरू हो गई है। इस साल भी वर्चुअल पढ़ाई होने के कारण अभिभावक पिछले साल की तरह सिर्फ ट्यूशन फीस देना चाहते हैं और स्कूल प्रबंधन ट्यूशन फीस के साथ भवन मरम्मत, प्रयोगशाला एवं पुस्तकालय सहित अन्य शुल्क भी वसूल रहे हैं। इसे लेकर अभिभावक आए दिन स्कूल शिक्षा मंत्री और विभाग के अधिकारियों से शिकायत कर रहे हैं, पर सरकार के पास भी महंगे स्कूलों पर नकेल कसने का कोई विकल्प नहीं है। इसके साथ ही स्कूलों ने नए साल में फीस भी बढ़ा दी है और इस बार ट्यूशन फीस में ज्यादा बढ़ोत्तरी की गई है।
कोरोना के चलते प्रदेश में डेढ़ साल से स्कूल बंद हैं। सरकार इन्हें एक जुलाई से खोलने की तैयारी कर रही है, पर तीसरी लहर की आशंका के चलते निर्णय लेने में देरी हो रही है। ऐसे में स्कूलों ने एक बार फिर ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कर दी है। अब अभिभावकों का कहना है| कि जब स्कूलों का कोई खर्च नहीं है, तो पूरी फीस क्यों ली जा रही है? पिछले साल राज्य सरकार ने सिर्फ ट्यूशन फीस लेने के आदेश दिए थे। अभिभावक अब भी ऐसी ही व्यवस्था चाहते हैं। तर्क यह दिया जा रहा है कि कोरोना की वजह से कई अभिभावकों का रोजगार छिन गया है, तो कई की पहले जैसी कमाई नहीं हो रही है। ऐसे में स्कूल की पूरी फीस देना मुश्किल हो रहा है।
कलेक्टर करेंगे ज्यादा फीस वसूली के प्रकरणों का निराकरण निजी स्कूल फीस कानून के तहत सभी जिलों में कलेक्टर की अध्यक्षता में समितियां बनाई जा रही हैं। अभिभावक स्कूलों की मनमानी फीस वसूली की शिकायत इनसे कर सकते हैं। इस कानून के तहत स्कूलों को हर साल 10 फीसद फीस बढ़ाने की इजाजत है, पर इससे ज्यादा वृद्धि पर कार्रवाई का प्रविधान है।