भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने पहली बार श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के दिन स्कूल खोलने का निर्णय लिया है। स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी किया है कि 26 अगस्त को सभी स्कूलों में भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा और मित्रता पर आधारित कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। यह कदम इस बार के जन्माष्टमी पर स्कूलों में छुट्टी की परंपरा को तोड़ते हुए लागू किया गया है।
उज्जैन में विशेष आयोजन-
उज्जैन में भी सोमवार को स्कूल खुलेंगे। सोमवार को स्कूल कुछ समय के लिए खुलेंगे और उसके बाद धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन किए जाएंगे। इसके बाद स्कूलों को छुट्टी दी जाएगी। उज्जैन में सांदीपनि आश्रम, नारायण धाम, अमझेरा धाम और जानापाव जैसे धार्मिक स्थल श्रीकृष्ण से जुड़े महत्वपूर्ण स्थानों पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
धार्मिक स्थलों पर विशेष ध्यान-
सांदीपनि आश्रम, उज्जैन: यहां भगवान श्रीकृष्ण ने गुरु सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण की थी। आश्रम में 6000 साल पुराना शिवलिंग और गोमती कुंड है।
नारायण धाम, महिदपुर: यह मंदिर भगवान श्रीकृष्ण और उनके मित्र सुदामा की अटूट मित्रता का प्रतीक है।
अमझेरा धाम, धार: मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण ने यहीं से माता रुक्मिणी का हरण किया था। यह मंदिर 7000 साल पुराना है।
जानापाव, इंदौर: यहां भगवान परशुराम ने श्रीकृष्ण को सुदर्शन चक्र दिया था।
शासकीय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया कि आमतौर पर जन्माष्टमी के दिन छुट्टी होती है, लेकिन इस बार दो अलग-अलग आदेश जारी किए गए हैं। एक ओर जहां शासन ने सरकारी अवकाश घोषित किया है, वहीं स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूल खोलकर विशेष कार्यक्रम आयोजित करने का आदेश दिया है। इससे शिक्षकों और स्कूल प्रबंधन में असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
शासकीय आदेशों के अनुसार यह पहल शिक्षा और संस्कृति के संगम को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। हालांकि, शिक्षकों और स्कूल प्रशासन को इस बदलाव से संबंधित तैयारियों और समन्वय की आवश्यकता होगी। उम्मीद है कि इस निर्णय से छात्रों को भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा और सांस्कृतिक धरोहर को समझने का एक नया अवसर मिलेगा।