ग्वालियर । नगरीय निकाय चुनाव की हलचल शुरू होने के साथ ही केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भाजपा जिलाध्यक्ष कमल माखीजानी व ग्रामीण अध्यक्ष कौशल शर्मा को शनिवार को दिल्ली तलब किया। सिर्फ दस मिनट की मुलाकात के दौरान उन्हें निर्देश दिए कि वार्डों में प्रत्याशियों के चयन से पहले पूरा हाेमवर्क कर लें। सामने वाले संभावित प्रत्याशियों का आकलन करने के बाद ऐसे प्रत्याशियों का चयन करें कि किसी भी वार्ड में कांग्रेस को पनाह न मिले। जिलाध्यक्षद्वय ने बताया कि मुलाकात के दौरान केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने संगठन और नगरीय निकाय चुनाव को लेकर सामान्य चर्चा की है।
निकाय चुनाव के दावेदारों से मुलाकात करने के लिए जिलाध्यक्ष को सुबह 11 बजे से मुखर्जी भवन पर बैठना था, लेकिन वे नहीं पहुंचे। दावेदारी करने वालों ने जब जिलाध्यक्ष के न आने का कारण जानना चाहा तो पता चला कि वे दिल्ली गए हैं। शाम साढ़े चार बजे दोनों जिलाध्यक्षों की केंद्रीय मंत्री सिंधिया से मुलाकात हुई। इस दाैरान उन्होंने पहले तो नगरीय निकाय चुनाव को लेकर चल रहीं तैयारियों की जानकारी ली। उसके बाद दोनों जिलाध्यक्षों से कहा कि वार्ड की इक्वेशन देखकर ही प्रत्याशी का चयन करें। हमें एक भी वार्ड खोना नहीं है।
कांग्रेस से भाजपा में आए केंद्रीय मंत्री सिंधिया अपने समर्थकों को पर्याप्त स्थान दिलाना चाहते हैं। पिछले संगठन में हुई नियुक्तियों में भी उन्होंने अपने साथ कांग्रेस से आए समर्थकों को बड़ी संख्या में स्थान दिलाया था। ऐसे में नगरीय निकाय चुनाव में उनके समर्थकों की अनदेखी न हो इसके लिए जिलाध्यक्षों को तलब किया था। हालांकि इस मामले में वे प्रदेश नेतृत्व से भी संपर्क करेंगे। समझा जाता है कि जिला स्तर से जाने वाले नामों में कहीं उनके समर्थक पिछड़ न जाएं, इसके लिए बैठक बुलाई गई।
सिंधिया के बुलावे पर दिल्ली पहुंचे जिलाध्यक्षों के अलावा पूर्व मंत्री माया सिंह को लेकर भी दिनभर चर्चाओं का दौर चला। कार्यकर्ताओं का कहना था कि महापौर पद की प्रबल दावेदार पूर्व मंत्री को भी दिल्ली बुलाया गया है। हालांकि इस मामले की पुष्टि नहीं हो पाई। पूर्व मंत्री का फोन भी आउट ऑफ कवरेज एरिया आता रहा। हालांकि जिलाध्यक्षों का कहना था कि उन्हें पूर्व मंत्री का यात्रा या सिंधिया से मुलाकात की कोई जानकारी नहीं है।