ग्वालियर। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक बार फिर जुदा अंदाज देखने को मिला है। जींस और शर्ट में नजर आए सिंधिया ने कंचे खेले, गिल्ली-डंडे पर हाथ आजमाया, साथ ही तीरंदाजी भी की। सिंधिया जबलपुर पहुंचे थे। बीजेपी सांसद राकेश सिंह ने उनसे कहा- ये कंचे हैं, तो सिंधिया ने तपाक से जवाब दिया कि मैं जानता हूं, बचपन में हमने खूब खेला है। दरअसल जबलपुर में इन दिनों खेल महोत्सव चल रहा है। शुक्रवार को ज्योतिरादित्य सिंधिया इस आयोजन में शामिल होने यहां पहुंचे थे। इस दौरान वे एनर्जी से भरे नजर आए। रानीताल स्टेडियम में पहुंचते ही सिंधिया ने दौड़ लगानी शुरू कर दी। उनके साथ बीजेपी कार्यकर्ता और सांसद राकेश सिंह भी दौड़ने लगे।
कार्यक्रम के दौरान सिंधिया ने कहा कि खेल महोत्सव में युवाओं में ऊर्जा का संचार होता है। इस कारण यहां आकर मैं भी ऊर्जा से भर गया। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजनों से सकारात्मक सोच पैदा होती है। इसलिए ऐसे खेल देशभर के युवाओं को जागरूक कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि युवा शक्ति वाले भारत में 135 करोड़ की आबादी में 70 % 35 साल से कम उम्र के युवा है। विश्व में परिवर्तन युवा ही लाते हैं। ये दशक, शताब्दी भारत की है। भारत आर्थिक, राजनैतिक रूप से आगे बढ़ रहा है। सिंधिया ने कहा कि रानीताल स्टेडियम में मेरे पिता माधवराव सिंधिया ने भी क्रिकेट खेला है। इस कारण इस मैदान से मेरा पुराना नाता है। सिंधिया ने सांसद खेल महोत्सव को पारंपरिक खेलों का संगम बताया।
सिंधिया से जब कमलनाथ को लेकर सवाल किया गया, तो उन्होंने स्पष्ट कहा कि जिस तरह मंदिर जाते हैं, तो राजनीति नहीं होनी चाहिए। इसी तरह खेल के मैदान में सिर्फ खेल की बातें हों, राजनीति की बात नहीं होनी चाहिए। उन्होंने पारम्परिक खेलों को बढ़ावा देने की बात कही। केंद्रीय मंत्री आर्चरी मैदान भी गए। यहां उन्होंने खिलाड़ियों से मुलाकात की। इसके बाद धनुष उठाया। एक के बाद एक कई तीर छोड़े। कुछ तीर निशाने पर लगे, तो कुछ चूक गए। उन्होंने सांसद के साथ कंचे भी खेले। कंचे से निशाना भी लगाया। मैदान में गिल्ली डंडा भी खेला। यहां करीब एक घंटे रुकने के बाद सिंधिया वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए।