Thursday, April 17, 2025

बाढ़ में फंसे लोगों के लिए रात भर जागते रहे सिंधिया, भड़ौता गांव में फंसे थे 11 लोग

शिवपुरी: केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने एक बार फिर अपनी संजीदगी और तत्परता का परिचय दिया है। हाल ही में शिवपुरी जिले में सिंध नदी के जलस्तर में अचानक वृद्धि और तेज बहाव के कारण 12 लोग बाढ़ के टापू में फंस गए थे। इस स्थिति को देखते हुए सिंधिया ने तत्काल प्रभाव से प्रशासन को बचाव कार्य शुरू करने के निर्देश दिए।

मंत्री सिंधिया ने रातभर स्थिति की निगरानी की और नियमित रूप से अपडेट लेते रहे। सिंध नदी के पानी का बहाव अत्यंत तेज था, जिससे बचाव कार्य में कठिनाई उत्पन्न हो रही थी। एसडीईआरएफ की टीम ने किनारे से फंसे हुए लोगों से संपर्क स्थापित किया, लेकिन तेज बहाव के कारण नाव से बचाव करना संभव नहीं था। मंत्री सिंधिया ने इसके बाद यह रणनीति अपनाई कि अगर सुबह तक स्थिति में सुधार नहीं हुआ और धारा की गति कम नहीं हुई, तो हेलिकॉप्टर के माध्यम से बचाव किया जाएगा।

सुबह होते-होते पानी का बहाव थोड़ा कम हुआ, जिससे एसडीईआरएफ की टीम टापुओं तक पहुंच सकी और सभी फंसे हुए लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया।

भड़ौता ग्राम में फंसे 11 लोग
15 अगस्त 2024 को, तहसील कोलारस के भड़ौता ग्राम में सिंध नदी के पुल के पास 11 लोग तेज बहाव में फंस गए थे, जिसमें एक महिला भी शामिल थी। पुल पार करते समय चेतावनियों और निषेध के बावजूद ये लोग फंस गए। रात के समय तीन लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, और सुबह 6:30 बजे बाकी आठ लोगों को भी सुरक्षित निकाल लिया गया। इनमें पांच वयस्क और तीन नाबालिग बच्चे शामिल हैं। सुरक्षित निकाले गए लोगों में अजीत पुत्र राजेश केवट, करण पुत्र कल्याण केवट, के.पी. पुत्र पंचम गुर्जर, गणेश के पवन पुत्र बलवीर दांगी, रवि पुत्र जगदीश दांगी, नासिर पुत्र अब्दुल हलीम, विवेक पुत्र प्रेम खटीक, और साहिल पुत्र शाहरुख खान शामिल हैं।

एक अन्य मामले में, मझारी गाँव के राजपाल यादव नामक चरवाहा, जो अपनी भैंसों को चराने निकले थे, एक टापू पर फंस गए थे। उन्हें भी प्रशासन द्वारा सुरक्षित निकाल लिया गया।

सभी को सुरक्षित निकालने के बाद, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने व्यक्तिगत रूप से फंसे हुए चरवाहे से फोन पर बातचीत की। सिंधिया ने पहले चरवाहे की कुशलक्षेम पूछी और कहा, “मैं हूँ ना, कुछ नहीं होने दूँगा।” उन्होंने चरवाहे से यह भी जानकारी ली कि उनके मवेशी भी सुरक्षित हैं या नहीं। चरवाहे ने बताया कि मवेशी सुरक्षित हैं, लेकिन रात को उसे डर लग रहा था।

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