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थाना प्रभारियों के ट्रांसफर को लेकर सियासत, गृह मंत्री पर भारी पड़ी सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री

ग्वालियर। मध्य प्रदेश के बारे में कहा जाता है कि एमपी गजब है, लेकिन यह बात ऐसे ही मध्य प्रदेश के बारे में नहीं कही जाती हैं। क्योंकि यहां की राजनीति में कुछ ना कुछ अजब-गजब जरूर होता रहता है, ऐसा ही एक मामला ग्वालियर जिले से जुड़ा हुआ है। जहां पर गृह मंत्री के आदेश पर जिले के गिजोर्रा का थाना प्रभारी सुमित सुमन एवं पिछोर थाना प्रभारी केडी कुशवाहा को आनन-फानन में अजब तरीके से भोपाल पुलिस मुख्यालय अटैच कर दिया जाता है। लेकिन गजब यह हो जाता है कि 24 घंटे बाद ही फिर दोनों प्रभारियों के स्थानांतरण आदेश रद्द कर दिए जाते हैं। ऐसे में सियासी हलचलों और जानकारों के गलियारों में कई बातें उठ रही है कि आखिरकार ऐसा क्या हुआ, जो पहले इन दोनों को पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया और बाद में कुछ घंटों में ही आदेश को हवा में उड़ा दिया गया।

दरअसल मामला जिले के पिछोर थाना प्रभारी केडी कुशवाहा एवं गिजोर्रा थाना प्रभारी सुमित सुमन से जुड़ा हुआ है। दोनों ही को एक साथ पुलिस मुख्यालय भोपाल अटैच कर दिया गया था। शुक्रवार 25 नवंबर को खुद एसपी अमित सांघी ने गृह मंत्रालय के आदेश पर मोहर लगाकर दोनों को भार मुक्त करने का आदेश जारी किया था। लेकिन मामले को 24 घंटे ही बीत पाए थे कि 26 नवंबर को दोनों के स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया गया। जिसके बाद सियासी गलियारों से लेकर जानकारों तक की गलियों में लोगों के बीच कानाफूसी होने लगी है।

थाना प्रभारियों के स्थानांतरण को लेकर कानाफूसी के बाद जो मांजरा सामने निकल कर सामने आया है। उसके मुताबिक जिन दोनों प्रभारियों को स्थानांतरण किया गया था। वह डबरा क्षेत्र से आने वाली सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी है और स्थानांतरण होने वाले दोनों थाना प्रभारी उनके समर्थक माने जाते है और बताया जा रहा है कि जैसे ही मंत्रीजी के दोनों करीबी थाना प्रभारियों को जिले से हटाया गया। वैसे ही भोपाल तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से पूर्व मंत्री ने अपने दोनों सिपहसालारो को हटाने पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है। जिसके बाद प्रदेश के गृहमंत्री और अंचल के कद्दावर नेता नरोत्तम मिश्रा के आदेशों को दरकिनार कर दिया गया है। जिसके बाद यह बहस अंचल की राजनीति में गरमा गई है कि आखिरकार सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री की आवाज में अभी भी इतना दम बाकी है कि गृह मंत्रालय से जारी हुए आदेश को भी दरकिनार करने में उन्हें चंद घंटे ही लगते हैं। ऐसे में सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे हैं कि एक ही जगह डबरा के रहने वाले गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा और सिंधिया समर्थक पूर्व मंत्री इमरती देवी के बीच यह मामला राजनीतिक रूप से बहुत दूर तलक जाएगा।

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