भोपाल में मेट्रो परियोजना के दूसरे चरण का काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। मेट्रो की ऑरेंज लाइन के निर्माण में आ रही बाधाओं को हटाने के लिए प्रशासन अतिक्रमण को समाप्त कर रहा है। पुल बोगदा क्षेत्र में शनिवार को तीन मकानों को हटा दिया गया है, जबकि आजाद नगर में 20 मकान और दुकानों को अगले 10 दिनों के भीतर हटाने की योजना बनाई गई है।
अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया तेज
भोपाल मेट्रो के दूसरे चरण में सुभाष नगर डिपो से करोंद तक के रूट पर निर्माण कार्य जारी है, जिसकी कुल लंबाई 8.77 किलोमीटर होगी। इस चरण में 1540 करोड़ रुपये की लागत से निर्माण किया जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के बाद मेट्रो के निर्माण कार्य को तेज गति से पूरा किया जाएगा। पुल बोगदा से लेकर आजाद नगर तक का इलाका पहले ही निरीक्षण के लिए अधिकारियों द्वारा दौरा किया जा चुका है।
प्रशासन की चेतावनी और मुआवजा
अतिक्रमण हटाने का विरोध कर रहे नागरिकों का कहना था कि जब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिलेगा, वे अपने मकान या दुकानें नहीं हटाएंगे। इस पर भोपाल के एसडीएम आशुतोष शर्मा सहित मेट्रो और नगर निगम के अधिकारी मौके पर पहुंचे और निरीक्षण किया। अधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि लोग स्वेच्छा से नहीं हटे, तो प्रशासन जबरन अतिक्रमण हटाएगा। बाद में शुक्रवार तक मुआवजा वितरित किया गया और शनिवार को अतिक्रमण हटा दिया गया।
आरा मशीनों की बारी
अब अगली बड़ी बाधा पुल बोगदा के पास की आरा मशीनें और फर्नीचर व्यापारियों की हैं, जिन्हें भी वहां से हटाया जाना है। प्रशासन ने इन आरा मशीनों को रातीबड़ में बसाने की योजना बनाई है, और जल्द ही इन्हें वहां से हटाकर मेट्रो के रास्ते को साफ किया जाएगा।
दूसरे चरण का विवरण
- सुभाष नगर डिपो से करोंद तक 8.77 किमी की दूरी में 6 एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन बनेंगे। इस हिस्से का खर्च 650 करोड़ रुपये है और इसका काम साढ़े 3 साल में पूरा करना है। प्रमुख स्टेशन: पुल बोगदा, ऐशबाग, सिंधी कॉलोनी, डीआईजी बंगला, कृषि उपज मंडी, करोंद।
- इस चरण में 3.39 किलोमीटर की अंडरग्राउंड मेट्रो लाइन बनेगी, जिसमें भोपाल रेलवे स्टेशन और नादरा बस स्टैंड पर स्टेशन होंगे। इसकी लागत 890 करोड़ रुपये होगी और इसे भी साढ़े 3 साल में पूरा किया जाएगा। इस रूट में सुरंगें सिंधी कॉलोनी और ऐशबाग क्रॉसिंग से होते हुए भोपाल स्टेशन और नादरा बस स्टैंड तक जाएंगी।
भोपाल मेट्रो का दूसरा चरण तेजी से आगे बढ़ रहा है, जिसमें अतिक्रमण हटाने और निर्माण की प्रक्रिया प्रमुख है। आने वाले समय में भोपाल की यातायात व्यवस्था को आधुनिक और सुगम बनाने में यह परियोजना महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।