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Friday, November 22, 2024

आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए 2 दिन में आए 50 से ज्यादा सुझाव, CM बोले- योजना का काम  3 साल में पूरा करेंगे  

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भोपाल :- आत्मनिर्भर भारत योजना  की तर्ज पर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने पर काम कर रही शिवराज सरकार ने रोडमैप बनाने का काम शुरू कर दिया है। रोडमैप बनाने के लिए 4 दिनों का वेबिनार हो रहा है। इसके पहले दिन जहां पूर्व रेल मंत्री सुरेश प्रभु समेत कई विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए, वहीं दूसरे दिन राज्यसभा सांसद विनय सहस्रबुद्धे समेत कई एक्सपर्ट ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए सुझाव दिए। पहले दिन इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की चर्चा हुई तो दूसरे दिन सुशासन पर सुझाव दिए गए हैं।

इसके साथ ही वेबिनार के आयोजन को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश को विकास की ऊंचाइयों पर ले जाने का कार्य अकेले सरकार नहीं कर सकती हैं। इसके लिए सभी का सहयोग आवश्यक है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का मध्य प्रदेश ने बीड़ा उठाया है। इसके लिए आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोडमैप तैयार किया जा रहा है। विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की कार्ययोजना तैयार की जाएगी और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए सरकार ने 3 साल का लक्ष्य तय है। 


वेबिनार में पहले दिन कुछ इस तरह मिले सुझाव

– मध्यप्रदेश को मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब बनाया जाए।   

– सभी शहरी बायपास तथा रिंग रोड स्ववित्त पोषित परियोजना के रूप में लिए जाएं।  

– सभी नागरिक सुविधाएं ऑनलाइन उपलब्ध कराई जाए।   

– इंदौर और भोपाल में ‘प्राइयोरिटी कॉरीडोर’ निर्माण।   

– प्रदेश में क्लीन एवं ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा।   

– प्रदेश विद्युत आपूर्ति और सौर ऊर्जा उत्पादन में देश में अग्रणी बने।   

– शहरी क्षेत्रों में तीन लाख EWS आवास तैयार किए जाने की योजना।   

– सभी शहरी क्षेत्रों में अपशिष्ट प्रबंधन और इसकी रीसाईकिलिंग का लक्ष्य।  

– 2024 तक प्रदेश कर हर घर नल-जल से जुड़े।   

– नगरीय क्षेत्रों में ई-व्हीकल चार्जिंग के लिए अधोसंरचना निर्माण की योजना।   

– कौशल विकास के लिए 50 हजार प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, मैसन आदि के प्रशिक्षण की व्यवस्था।   

– परिवहन से संबंधित कर प्रणाली को सरल, स्पष्ट व सुविधाजनक बनाया जाएगा।   

– उद्योग तथा व्यापार से संबंधित मामलों के त्वरित निपटारे के लिए हाई पावर कमेटी गठित की जाए।   

– ग्रामीण, ट्राइबल एरिया टूरिज्म एवं फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा दिया जाए।   

– नागरिक सुविधाओं की सरल व समय-सीमा में डिलेवरी के लिए ई-गवर्नेंस का विस्तार किया जाएगा।   

– ग्रामीण क्षेत्रों की सड़क से कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाया जाए।   

– फल तथा सब्जियों के परिवहन के लिए व्यवहारिक लॉजिस्टिक समाधान दिए जाएं, ताकि किसानों की आय में वृद्धि हो।   

– ‘चंबल प्रोग्रेस-वे’ तथा ‘नर्मदा एक्सप्रेस-वे’ को जल्द पूर्ण करने के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया के लिए पोर्टल विकसित किया जाएगा। 

– प्रदेश की 225 सिंचाई परियोजनाएं वर्ष 2023 तक पूर्ण किए जाने का लक्ष्य. वर्ष 2026 तक हमारी सिंचाई क्षमता को 75 लाख हेक्टेयर तक ले जाने की योजना।

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