मध्य प्रदेश। उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में हाथियों की मौत की घटना ने दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया है। वन विभाग और विशेषज्ञों की टीमें मौत का कारण जानने में जुट गई हैं। बुधवार सुबह तीन और हाथियों की मौत के बाद यह आंकड़ा सात पहुंच गया है, जबकि तीन हाथियों का इलाज किया जा रहा है। हाथियों की मौत के मामले की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय और राज्य स्तर पर विशेष जांच दल का गठन किया गया है। दिल्ली से एनटीसीए (नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी) की टीम जांच के लिए बांधवगढ़ आ गई है।
मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सात हाथियों की मौत से दिल्ली तक हड़कंप मचा हुआ है। बांधवगढ़ में हाथियों की मौत के बाद वन्यजीव संरक्षण की टीमों ने घटनास्थल पर पहुंचकर जांच शुरू कर दी है। बुधवार को तीन और मंगलवार को चार हाथियों की मौत के बाद अब तक सात हाथियों की मौत हो चुकी है। तीन हाथियों का इलाज चल रहा है, जिनकी हालत गंभीर बताई जा रही है। वहीं, एक हाथी पूरी तरह से स्वस्थ हो गया है और दो हाथी सामान्य स्थिति में हैं। जबलपुर के राज्य वन्यजीव स्वास्थ्य एवं वन्यजीव संस्थान (SWFH) की टीम हाथियों के पोस्टमार्टम कर रही हैं। साथ ही कान्हा और पेंच से भी वेटरनरी विशेषज्ञ जल्द ही मौके पर पहुंचने वाले हैं, ताकि और अधिक सहायता प्रदान की जा सके।
जांच के लिए एसआईटी गठित
वन्यजीव अपराध नियंत्रण ब्यूरो (WCCB) नई दिल्ली ने इस घटना की जांच के लिए एक विशेष समिति (एसआईटी) का गठन किया है। इसके अतिरिक्त राज्य स्तर पर भी जांच समिति बनाई गई है। एसटीएसएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) के प्रमुख और उनकी टीम डॉग स्क्वाड के साथ घटनास्थल पर गहन तलाशी और जांच कार्य में लगी हुई है।
केंद्रीय जोन के एआईजी घटनास्थल पर पहुंचे
एनटीसीए (राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण) केंद्रीय जोन के एआईजी नंदकिशोर काले घटनास्थल पर मौजूद हैं और जांच की निगरानी कर रहे हैं। पीसीसीएफ (वन्यजीव) और सीडब्ल्यूएलडब्ल्यू (मुख्य वन्यजीव संरक्षक) भी जल्द ही घटनास्थल पर पहुंचने वाले हैं। वन विभाग के अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) एल. कृष्णमूर्ति ने घटना की गंभीरता को देखते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वन्यजीवों के इस अनहोनी मामले को लेकर स्थानीय अधिकारियों से लेकर केंद्र तक की टीमें गहनता से जांच करने में जुटी हुई है।
जहर देने की आशंका
शुरुआती जांच में हाथियों को जहर देने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि, हाथियों की मौत का सही कारण पीएम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगा। डॉक्टरों की टीम हाथियों का पोस्टमार्टम कर रही है। इसके बाद सभी मृत हाथियों को दफनाया जाएगा। इसके लिए जेसीबी से गड्ढे खुदवाए जा रहे हैं। साथ ही 300 बोरी नमक भी मंगवाया गया है, जो हाथियों के शव के साथ डाला जाएगा।