भोपाल। राजस्थान पर बने प्रतिचक्रवात के असर से हवाओं का रुख बार-बार बदल रहा है। जिसके चलते रात एवं दिन के तापमान में उतार–चढ़ाव का सिलसिला बना हुआ है। मौसम विज्ञानियाें के मुताबिक अभी मौसम का मिजाज इसी तरह बना रहने के आसार हैं। दाे दिसंबर काे एक तीव्र आवृति वाले पश्चिमी विक्षाेभ के उत्तर भारत में पहुंचने की संभावना है।
इसके असर से उत्तर भारत के पहाड़ी क्षेत्राें में बर्फबारी हाेने की संभावना है। पश्चिमी विक्षाेभ के आगे बढ़ने पर चार दिसंबर से मध्य प्रदेश में रात के तापमान में तेजी से गिरावट हाे सकती है। उधर रविवार काे मध्य प्रदेश में सबसे कम छह डिग्री सेल्सियस तापमान मलाजखंड में दर्ज किया गया। हिल स्टेशन पचमढ़ी में रात का पारा पांच डिग्री सेल्सियस पर रहा।
प्रदेश में रविवार को मध्य प्रदेश के 17 शहराें में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस या उससे कम दर्ज किया गया। उधर रविवार काे मध्य प्रदेश के लगभग सभी शहराें में दिन के तापमान में बढ़ाेतरी दर्ज की गई। राजधानी में न्यूनतम तापमान 9.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जाे इस सीजन का सबसे कम तापमान रहा। उधर अधिकतम तापमान में शनिवार के मुकाबले 2.2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि दर्ज की गई। मौसम विज्ञान केंद्र के पूर्व वरिष्ठ मौसम विज्ञानी अजय शुक्ला ने बताया कि वर्तमान में कोई भी प्रभावी मौसम प्रणाली सक्रिय नहीं है। साथ ही राजस्थान पर पिछले चार दिनाें से प्रति चक्रवात बना हुआ है। इसके असर से हवाओं का रुख उत्तरी, पूर्वी, उत्तर- पूर्वी हाे रहा है।
इस वजह से न्यूूनतम एवं अधिकतम तापमान में उतार-चढ़ाव हाे रहा है। प्रति चक्रवात के असर से पूर्वी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य से काफी कम बने हुए हैं, जबकि पश्चिमी मध्य प्रदेश में न्यूनतम तापमान सामान्य या सामान्य से मामूली अधिक दर्ज किया जा रहा है। दाे दिसंबर काे एक पश्चिमी विक्षाेभ के उत्तर भारत में आने की संभावना है। इसके असर से वहां के पहाड़ाें पर बर्फबारी हाेगी। पश्चिमी विक्षाेभ के आगे बढ़ने पर उत्तर भारत की तरफ से आने वाली सर्द हवाओं के प्रभाव से मध्य प्रदेश में कड़ाके की ठंड की शुरुआत हाेने की संभावना है।