राशि। ज्योतिष शास्त्र में मंगल और शनि को एक दूसरे का शत्रु माना गया है। इसलिए जब भी किसी जातक की कुंडली में ये एक साथ होते हैं या फिर एक दूसरे पर इनकी दृष्टि होती है तो उसे अपने जीवन में कई तरह की परेशानियां होती हैं। इसी तरह जब मंगल और शनि ग्रह गोचर के समय कुछ ऐसा अशुभ संबंध बनाते हैं तब भी जातकों को इसके कई प्रकार के दुष्प्रभावों का सामना करना पड़ता है। जी हां, इसी तरह का एक अशुभ योग का निर्माण 10 मई से 30 जून तक के लिए हुआ है। जो कि शनि-मंगल का षडाष्टक योग है। हालांकि ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि इस बार यह योग 30 साल बाद बना है। लेकिन इसका अशुभ प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा।
दरअसल, 10 मई से् शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ में हैं और वहीं, मंगल अपनी नीच राशि कर्क में भ्रमण कर रहे हैं। जहां मंगल गुस्से और हिंसा के कारक ग्रह माने जाते हैं तो वहीं इसके विपरीत शनि दुःख, दरिद्रता के कारक हैं। तो आइए जानते हैं कि शनि और मंगल की इस युति से बनने जा रहा षडाष्टक योग किन राशियों के लिए अच्छा साबित नहीं होगा और किन्हें सावधान रहने की जरूरत है।
सिंह राशि
शनि मंगल के षडाष्टक योग के कारण सिंह राशि वालों को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। इस षडाष्टक योग के निर्माण होने से आपको मानसिक तनाव व परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। आपके कार्यक्षेत्र को ये पूरी तरह प्रभावित कर रहा है। आर्थिक मुसीबत आ सकती है क्योंकि यह आपके इनकम को भी रोक सकता है। अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
कर्क राशि
शनि और मंगल के इस अशुभ योग के निर्माण होने से कर्क राशि वालों को आर्थिक हानि हो सकती है। इस दौरान आप संपत्ति के मामले में किसी प्रकार के विवाद में फंस सकते हैं। इस युति के चलते आपको धन के निवेश को लेकर बहुत सावधानी बरतनी होगी और निवेश भी सोच समझकर करना होगा। पारिवारिक कलह के कारण मन उदास रहेगा लेकिन धैर्य रखें। वाणी पर संयम बरतें।
धनु राशि
शनि मंगल के षडाष्टक योग धनु राशि वालों को अष्टम भाव में है इसलिए आपको आये से अधिक खर्च से बचना होगा। वाहन दुर्घटना हो सकती है इसलिए सचेत रहें। आपके ऊपर नकारात्मक प्रभावों का असर दिखेगा जिसके चलते आप मानसिक रूप से तनाव ग्रस्त महसूस कर सकते हैं। जीवनसाथी के साथ मतभेद हो सकते हैं इसलिए बहस ना करें, सही समय आने का इंतजार करें। स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहें।
कुंभ राशि
शनि मंगल गोचर पर जो षडाष्टक योग निर्माण हो रहा है इसकी वजह से कुंभ राशि वालों को परेशानियां उठानी पड़ सकती हैं। इन्हें मानसिक तनाव हो सकता है साथ ही स्वभाव भी थोड़ा गुस्सैल व आक्रामक हो सकते हैं। इसलिए अच्छा होगा की आप गुस्से से बचकर रहें और दांपत्य जीवन में कुछ गलतफहमी पैदा होने से बचाकर रखें। इस दौरान आपको स्वास्थ्य को लेकर बचकर रहना होगा। वाहन चलाते समय दुर्घटना की संभावना है, सावधान रहें।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कुंडली में दो ग्रह एक दूसरे से छठे और आठवें भाव में होते हैं तो षडाष्टक योग का निर्माण होता है। यह षडाष्टक बहुत ही अशुभ योग माना जाता है। क्योंकि इस योग के चलते लोगों को दुख, रोग, कर्ज, चिंता, दुर्भाग्य और कष्टों का सामना करना पड़ता है।