केंद्र सरकार द्वारा 2024-25 के लिए गठित 24 विभागीय संसदीय स्थायी समितियों में मध्य प्रदेश के 29 सांसदों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। इनमें प्रमुख नाम राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह का है, जिन्हें शिक्षा, महिला, बच्चे, युवा और खेल संबंधी समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। दिग्विजय सिंह इस कमेटी के अध्यक्ष बनने वाले एकमात्र मध्य प्रदेश के सांसद हैं, जिसमें राज्यसभा से 10 और लोकसभा से 21 सदस्य शामिल हैं।
इसके अलावा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण समिति में कांग्रेस सांसद अशोक सिंह और सीधी से बीजेपी सांसद डॉ. राजेश मिश्रा को सदस्य बनाया गया है। वहीं, कार्मिक, लोक शिकायत, विधि एवं न्याय संबंधी समिति में विवेक तन्खा, फग्गन सिंह कुलस्ते, ज्ञानेश्वर पाटिल, और महेंद्र सिंह सोलंकी को शामिल किया गया है।
कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण समिति में बंशीलाल गुर्जर और राहुल सिंह लोधी को जगह मिली है, जबकि उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण समिति में ग्वालियर सांसद भारत सिंह कुशवाह और विवेक साहू ‘बंटी’ शामिल किए गए हैं।
इसके अतिरिक्त, आवास और शहरी मामलों की समिति में माया नरोलिया, आलोक शर्मा और शंकर लालवानी को शामिल किया गया है, जबकि जबलपुर सांसद आशीष दुबे को गृह मामलों की समिति में नामित किया गया है।
मध्य प्रदेश के अन्य सांसदों में सुधीर गुप्ता को उद्योग संबंधी समिति, रीवा सांसद जर्नादन मिश्रा और सतना सांसद गणेश सिंह को ग्रामीण विकास और पंचायती राज समिति, तथा सुमित्रा बाल्मीक को सामाजिक न्याय और अधिकारिता समिति में शामिल किया गया है। सुमित्रा बाल्मीक को एक और समिति, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण समिति में भी सदस्यता मिली है।
इसके अलावा, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को संचार और सूचना प्रौद्योगिकी समिति, रोडमल नागर को जल संसाधन समिति, और हिमाद्री सिंह को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन समिति में शामिल किया गया है।
मध्य प्रदेश के सांसदों को इन संसदीय समितियों में मिली जगह से यह स्पष्ट होता है कि राज्य की राजनीति में उनका महत्व और प्रभाव बरकरार है।