शनि देव अक्टूबर माह में होंगे वक्री, इन 5 राशियों की चमकेगी किस्मत

राशि। शनि का मकर राशि में मार्गी 23 अक्टूबर 2022 को होने वाला है। शनि ग्रह को दो राशियों मकर और कुंभ राशि का स्वामी माना गया है। शनि का गोचर एक राशि से दूसरी राशि में करीब ढाई वर्षों के बाद होता है। शनि को एक हानिकारक ग्रह के रूप में देखा जाता रहा है दरअसल शनि ग्रह अनुशासन, कानून व व्यवस्था, धैर्य, प्रतीक्षा, कड़ी मेहनत, श्रम व दृढ़ संकल्प आदि का प्रतीक है।

शनि ग्रह मकर राशि में मार्गी 23 अक्टूबर 2022, रविवार को प्रातः 04:19 बजे होंगे। मकर राशि पृथ्वी तत्व, तमोगुण, चर स्वभाव और शनि ग्रह से प्रभावित होती है। मकर कालचक्र की 10वीं राशि है और ये महत्वाकांक्षा, प्रतिष्ठा, सार्वजनिक छवि और शक्ति का प्रतीक है। शनि 23 अक्टूबर 2022 को मार्गी होंगे और इसी दिन धनतेरस भी है।

 

वैदिक ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय का देवता कहा गया है। शनिदेव जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। कहा जाता है कि अच्छे कर्म करने वालों को शनिदेव शुभ फल व गलत कार्यों में लिप्त लोगों को दंडित करते हैं। वर्तमान में शनिदेव मकर राशि में वक्री अवस्था में स्थित है। शनि की वक्री अवस्था का अर्थ उल्टी चाल से है। वक्री अवस्था में शनि की साढ़ेसाती व शनि ढैय्या से पीड़ित राशियों के लिए कष्टकारी मानी जाती है।

 

 

 

इन राशियों के जातकों को होगा लाभ

– वर्तमान में शनि के मकर राशि में होने से धनु, कुंभ मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।

– मिथुन व तुला राशि वालों पर शनि ढैय्या का प्रभाव है।

– साढ़ेसाती व ढैय्या से पीड़ित राशियों को आर्थिक, शारीरिक व मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

– शनि के मार्गी होने पर मकर, धनु और कुंभ राशियों को राहत मिल सकती है।

 

शनि के अशुभ प्रभाव से बचाव के उपाय

रोज सुबह शनि चालीसा का पाठ करें और शनिवार को काले तिल, उड़द व काले वस्त्रों का दान करें। शनिवार को पीपल के पेड़ के समक्ष सरसों के तेल का दीप जलाएं। इसके अलावा हनुमान जी की पाठ करना भी फायदेमंद होता है। शनिवार को मंदिर जाकर शनिदेव के दर्शन करें।

 

 

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