उज्जैन। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में ऊर्जा के कारक माने जाने वाले शनि 30 साल बाद 17 जनवरी को राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं। शनि इस दिन मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन का चौतरफा असर नजर आएगा।
धनु राशि वालों की साढ़ेसाती समाप्त होगी। मिथुन, सिंह व तुला राशि के जातकों को ढैया से राहत मिलेगी। सेवा तथा व्यवसाय के क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे। ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला ने बताया पंचांगीय गणना के अनुसार नवग्रहों में धर्म, आध्यात्म, संस्कृति, ऊर्जा, नेतृत्व क्षमता, व्यावसायिक उन्ना्ती, आर्थिक प्रगति तथा भाग्योदय के कारक माने जाने वाले शनि 17 जनवरी को मकर राशि छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस राशि में शनि का प्रभाव सकारात्मक होता है। पिछले ढाई वर्ष से शनि का वक्री मार्गी क्रम मकर राशि पर अवस्थित था। लेकिन अब समय कालखंड और अपनी निश्चित गति तथा राशि चक्र पूरा करने के बाद शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद सांसारिक परिदृश्य बदल जाएगा। धर्म, आध्यात्म व संस्कृति की ओर आम जनमानस का विशेष चिंतन होगा। नए धार्मिक शोध होंगे। शासकीय सेवा में पदों की बढ़ोतरी होने से रोजगार के अवसर मिलेंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक ग्रह के राशि परिवर्तन का चक्र अलग है। शनि नवग्रह में एक मात्र ऐसे देवता है जिन्हें शनैश्चर कहा गया है, अर्थात उनकी गति धीमी है। कहा जाता है एक राशि में शनि का संचरण करीब ढाई वर्ष का रहता है। इसके बाद शनि राशि परिवर्तन करते हैं। इस दृष्टि से 30 साल बाद शनि का कुंभ राशि में प्रवेश होने जा रहा है।
इन राशियों पर ये रहेगा प्रभाव
-मेष : आकस्मिक धन लाभ होगा तथा व्यापार के नए अवसर प्राप्त होंगे।
-वृषभ : राजकीय पद या राज्य स्तरीय व्यक्ति से विशेष लाभ प्राप्त होगा।
-मिथुन : शनि की ढैया समाप्त होते ही शारीरिक कष्ट दूर होंगे।
कुंभ : शनि की साढ़े साती का दूसरा ढैया शुरू होगा। कानूनी मामलों में सावधानी रखें।
-मीन : साढ़े साती की शुरुआत होगी स्वास्थ्य का ध्यान रखें, अधिक सोचने से बचें।