जनवरी में इस दिन मकर से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे शनिदेव, इन राशियों पर पड़ेगा ये असर

उज्जैन। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में नवग्रह के अंतर्गत ऊर्जा के परम कारक माने जाने वाले तथा अंतरिक्ष में सबसे सुंदर दृष्यमान ग्रह शनि 17 जनवरी को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के राशि परिवर्तन करते ही धनु राशि पर चल रही साढ़े साती समाप्त होगी। मकर राशि वालों का अंतिम ढैया, कुंभ राशि पर द्वितीय ढैया तथा मीन राशि पर प्रथम ढैया की शुरुआत होगी। मिथुन, सिंह व तुला राशि वाले जातकों को ढैय्या से राहत मिलेगी।

 

ज्योतिषाचार्य पं. अमर डब्बावाला ने बताया पंचांग की गणना के अनुसार नवग्रहों में धर्म, अध्यात्म और संस्कृति, ऊर्जा, नेतृत्व क्षमता, व्यवसायिक उन्नति, आर्थिक प्रगति व भाग्य उन्नति के कारक माने जाने वाले ग्रह शनि 17 जनवरी को मकर राशि को छोड़कर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। कुंभ राशि शनि की स्वयं की राशि है, इस राशि में भी शनि के प्रभाव सकारात्मक होते हैं। पिछले ढाई वर्षों से शनि का वक्री मार्गी गतिक्रम मकर राशि पर अवस्थित था। समय, कालखंड और अपनी निश्चित गति और राशि चक्र पूरा करने के बाद शनि कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद सांसारिक परिदृश्य बदलेगा। धर्म, अध्यात्म, संस्कृति की ओर जनमानस का विशेष चिंतन होगा। धार्मिक शोध होंगे जिनके माध्यम से व्याधियों के निराकरण की राह निकलेगी। वहीं, व्यवसायिक उपक्रमों में परिवर्तन के साथ-साथ सेवा कार्य के क्षेत्र में भी पदों की बढ़ोतरी होने से रोजगार के अवसर मिलेंगे।

 

भारतीय ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शनि नवग्रह में ऐसे देवता हैं जिनको शनैश्चर कहा जाता है। अर्थात यह धीमी गति से राशि परिवर्तन करते हैं। शनि का राशि संचरण या गति संचरण का जो प्रभाव है वह एक राशि पर तकरीबन ढाई वर्ष विद्यमान रहते हैं। उसके बाद राशि परिवर्तन करते हैं। इस दृष्टि से शनि का कुंभ राशि में यह प्रवेश 30 वर्ष बाद हो रहा है।

उज्जैन के वृषभ लग्न होने से या वृषभ राशि के क्षेत्र में उज्जैन का होना एक विशिष्ट स्थिति भी बना रहा है। शनि के कुंभ राशि में प्रवेश करने से उज्जैन में व्यवसाय के नए नए स्त्रोत तथा मार्ग खुलेंगे। वहीं, अलग-अलग प्रकार के योजना कल्पों में उज्जैन की प्रतिभागिता बढ़ने से यहां पर नए-नए रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। यह समय ढाई वर्ष तक रहेगा, ढाई वर्ष के बाद उज्जैन की एक अलग ही पहचान भारत में दिखाई देगी।

 

मेष – आकस्मिक लाभ के साथ नए व्यापार की ओर बढ़ने के संकेत।

 

वृषभ – राजकीय पद या राज्य स्तरीय व्यक्ति से कोई विशेष सहायता मिल सकती है।

 

मिथुन – शनि की ढैया समाप्त होगी, शारीरिक कष्ट दूर होंगे, जीवन के प्रति आशा बढ़ेगी।

 

कर्क – ढैय्या का आरंभ होने से नए नए विचारों का आगमन होगा। कहीं-कहीं अस्थिरता रहेगी।

 

सिंह – शनि का समसप्तक दृष्टि संबंध दार्शनिकता और धार्मिकता के साथ जीवन को संतुलित करेगा।

 

कन्या – शनि का प्रभाव स्वास्थ्य प्रभावित कर सकता है, अतः खानपान और जीवन शैली में सावधानी की आवश्यकता है।

 

तुला – शनि के प्रभाव उतरने से रुके कार्य में एकदम गति बढ़ेगी, प्रतिष्ठा का भी लाभ मिलेगा।

 

वृश्चिक – संपत्ति में वृद्धि का योग है, वाहन अथवा भूमि भवन की प्राप्ति हो सकती है।

 

धनु – साढ़ेसाती पूर्ण होने का अनुभव होगा। जीवन अलग प्रकार की अनुभूति देगा।

 

मकर – अंतिम ढैय्या साढ़ेसाती का रुके कार्य में गति बढ़ाने के साथ-साथ नई ऊंचाई दे सकता है।

 

कुंभ – शनि की साढ़ेसाती का दूसरा ढैय्या संभलने वाला तथा कानूनी दृष्टिकोण से सावधानी रखने वाला है।

 

मीन – साढ़ेसाती का आरंभ अर्थात प्रथम ढैय्या लगेगा, अधिक सोचने से बचने वाला समय तथा स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखने वाला समय है।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!