राशि। शनिदेव 12 जुलाई को दोपहर 2.20 बजे वक्र गति से मकर राशि में धनिष्ठा नक्षत्र के दूसरे चरण में प्रवेश करेगा। शनि का राशि व नक्षत्र परिवर्तन तथा वक्री, मार्गीय की स्थिति से देखें तो आने वाले नौ माह उथल पुथल से भरे होंगे। सामाजिक, आर्थिक व राजनीतिक व्यवस्था में उतार चढ़ाव के साथ परिवर्तन की स्थिति नजर आएगी। विभिन्ना् राशि के जातकों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। धनु राशि पर साढ़े साती का आखिरी ढैया फिर से सक्रिय होगा। मिथुन, सिंह व तुला राशि पर भी लघु ढैया की शुरुआत होगी।
ज्योतिषाचार्य पं.अमर डब्बावाला के अनुसार शनि महाराज मकर राशि में वक्री होकर अलग-अलग प्रकार के प्रभाव दर्शाएंगे। क्योंकि शनि कि 3,7 व 10 यह तीन दृष्टियां विशेष होती हैं। दृष्टियों के इन्हीं प्रकार से वक्री शनि की गणना करें, तो शनि की वृश्चिक राशि पर तीसरी, कर्क राशि पर सातवीं तथा मेष राशि पर दसवीं दृष्टि का प्रभाव रहेगा।
शनि के मकर राशि में वक्री होने के कारण नौ माह तक अलग-अलग प्रभाव दिखाई देंगे। वक्री शनि का अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर अलग प्रभाव होता है, वहीं आर्थिक व जातक जीवन में अलग प्रभाव नजर आता है। इस दृष्टि से जो कार्य रुके हुए हैं, वे इस काल खंड में पूरे हो जाएंगे।
वक्री ग्रहों की दृष्टियां खाद्य पदार्थ सहित कमोडिटी मार्केट में भी उलटफेर करती है। बाजार में उतार चढ़ाव के कारण धातुओं के भाव में तेजी मंदी का योग बनेगा। साथ ही सामग्रियों के भाव बढ़ेंगे।
विभिन्न राशियों पर ऐसा रहेगा प्रभाव
– मेष : जिम्मेदारी बढ़ेगी, कार्य के सिलसिले में बाहरी यात्रा होगी।
– वृषभ : भाग्य का सहयोग मिलेगा, धार्मिक कार्यों में रुचि बढ़ेगी।
– मिथुन : संपत्ति प्राप्त होने का समय है,भूमि अथवा भवन की प्राप्ति होगी।
– कर्क : विवादों से बचने का समय है, जहां तक हो मौन रहें।
– सिंह : समस्याओं का समाधाना होगा, तरक्की के नए रास्ते मिलेंगे।
कन्या : मित्रों का समयोग मिलेगा, योजना बनाकर आगे बढ़ें।
– तुला : कार्य गति पकड़ेंगे, आर्थिक पक्ष पहले से मजबूत होगा।
– वृश्चिक : चुनौतियां सामने आएंगी, सामांजस्य बनाकर चलें।
– धनु : आर्थिक प्रगति के साथ बड़ी उपलब्धि प्राप्त होने का समय है।
– मकर : शनि का दूसर ढैया पुनः शुरू हो रहा है, उधार देने से बचें।
– कुंभ : पहला ढैया पुनःशुरू हो रहा, ज्यादा सोचने से बचना चाहिए
– मीन : व्यर्थ की चिंताओं से मुक्ति मिलेगी, राहत का समय है।