राशिफल। ज्योतिष शास्त्र में मान्यता है कि हमारे जीवन की हर घटना के पीछे नौ ग्रहों की स्थिति जिम्मेदार होती है और इन्हीं के कारण हमारा जीवन प्रभावित होता है। नौ ग्रहों में भी शनि ग्रह को बहुत प्रभावशाली माना जाता है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि का गोचर बहुत मायने रखता है और शनि देव के किसी भी राशि में गोचर का प्रभाव सभी 12 राशियों पर पड़ता है। शनिदेव को कर्म दाता भी कहा जाता है। 29 अप्रैल को शनि ग्रह अपनी ही राशि कुंभ में प्रवेश करने जा रहे हैं और इसके बाद शनि ग्रह की ढैया 2 राशियों पर शुरू होगी। जानिए किन राशियों पर पड़ेगा प्रभाव
गौरतलब है कि शनि ग्रह फिलहाल मकर राशि में गोचर कर रहे हैं इसलिए मिथुन और तुला राशि के लोगों के लिए शनि ढैया चल रहा है। 29 अप्रैल से शनि स्वराशी कुंभ में प्रवेश करेंगे। शनि के कुम्भ में गोचर से मिथुन और तुला राशि के जातकों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा शनि कर्क और वृश्चिक राशि में ढैया की चपेट में रहेगा। शनि ढैय्या की अवधि ढाई वर्ष के लिए होती है।
शनि ढैय्या से पीड़ित जातकों को इस दौरान शारीरिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। शनि ग्रह जातक को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है। ज्योतिष के अनुसार शनि की साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। हर चरण की अवधि ढाई वर्ष है। जातक को पहले चरण में मानसिक और आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वहीं दूसरे चरण में व्यक्ति को मानसिक और आर्थिक के साथ-साथ शारीरिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। तीसरे चरण में शनि की साढ़ेसाती के दौरान कुछ लाभ होने की संभावना है।