ग्वालियर। नए साल में शनिदेव कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। साथ ही उनका प्रकोप कुंभ, मकर, व मीन राशि पर रहेगा। साथ ही कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी। यानि कुल पांच राशियों के जातक शनि के प्रकोप का भाजन बनेंगे। इसलिए शनि की पूजा अर्चना कर ये जातक उनके प्रकोप से कुछ हद तक बच सकते हैं। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा के मुताबिक शनि देव 17 जनवरी 2023 को मकर से निकलकर कुंभ राशि में वक्री अवस्था में प्रवेश करेंगे शनि देव 17 जनवरी 2023 को मकर से निकलकर कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। इस तरह साल 2023 में कुंभ, मकर और मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रकोप रहेगा। जबकि साल 2023 में कर्क और वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या रहेगी।
शनि देव प्रत्येक ढाई साल पर राशि परिवर्तन करते हैं. इस साल शनि देव अब तक 2 बार राशि बदल चुके हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव बीते 29 अप्रैल, 2022 को 30 साल बाद कुंभ राशि में प्रवेश किए थे।इसके बाद 12 जुलाई, 2022 को शनि देव वक्री होकर मकर राशि में विराजमान हैं।
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, शनि के अशुभ प्रभाव से व्यक्ति का स्वभाव बदलने लगता है। वह झूठ अधिक बोलने लगता है और क्रोध की भावना भी बढ़ने लगती है। छोटी-छोटी चीजों पर झूठ और क्रोध करना उसके स्वभाव में आ जाता है। धर्म-कर्म कार्यों में मन नहीं लगता।
शनि दोष हटाने के लिए क्या करना चाहिए
शनि दोष को अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन लोहे की वस्तुएं, काले वस्त्र, उड़द, सरसों का तेल, जूते-चप्पल आदि का दान करें। शनिवार के दिन मछलियों को आटा खिलाएं। इससे शनिदोष का प्रभाव कम हो जाता है। शनिवार के दिन सुबह के समय पीपल के जड़ में पानी अर्पित करें और शाम के समय तिल या फिर सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
इस तरह खुश रख सकते हैं शनि को
– दान दाता बनें और खासतौर से शनिवार को दान करें।
– शनिदेव के यंत्र की पूजा की पूजा करें और तेल से अभिषेक करेंं।
– शनि मंत्र का जाप करें। शनिवार को शनि मंत्र का जाप अवश्यक करें।
– कुत्तों की सेवा करें और उन्हें कुछ न कुछ खिलाएं।
– हनुमान जी की आराधना कर शनि के प्रकोप से बचें।
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