भोपाल : आज हुई शिवराज कैबिनेट की बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया गया है.अब मध्यप्रदेश में किसानों को 100 या ₹200 मुआवजे के चैक नहीं मिलेंगे, बल्कि कम से कम ₹5000 का मुआवजा दिया जाएगा.
खास बात यह है कि यह मुआवजा फसलों को किसी भी तरह का नुकसान होने पर दिया जाएगा यानि कि अगर किसी किसान के खेत में कोई भी प्राकृतिक आपदा होती है और उससे फसल को नुकसान होता है तो कम से कम मुआवजे के तौर पर ₹5000 अवश्य मिलेंगे.
कैबिनेट ने राजस्व पुस्तिका के प्रावधानों में संशोधन करते हुए यह फैसला किया है. हालांकि इसके लिए शर्त ये रखी गयी है कि किसान का बैंक खाता होना ज़रूरी है.इसके साथ ही राजस्व पुस्तिका के प्रावधानों में एक और संशोधन किया गया है. इसके तहत अब किसानों को मुआवजा प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ वन्य प्राणियों की वजह से होने वाले फसलों के नुकसान पर भी दिया जाएगा.इससे पहले कई बार ऐसी तस्वीरें सामने आई थीं जिसमें किसानों को मुआवजे के तौर पर कभी 100 तो कभी ₹200 के चैक मिलते थे जिससे सरकार की किरकिरी होती थी।
सीएम ने मंत्रियों को किया संबोधित
कैबिनेट की बैठक शुरू होने से पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सभी मंत्रियों को संबोधित किया इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में सरकार की ओर से चल रहे अलग-अलग अभियानों के बारे में मंत्रियों को जानकारी दी मंत्रियों को बताया गया कि प्रदेश में अब तक 9 हज़ार करोड़ कीमत की सरकारी जमीन को भूमाफिया के कब्जे से मुक्त कराया गया है. जबकि चिटफंड कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई में 50 हज़ार नागरिकों को उनके 800 करोड़ रुपये वापस कराए गए हैं. 227 मिलावटखोरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है. 331 राशन की कालाबाज़ारी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की गई.9500 बच्चों को मुक्त कराया गया इनमें 80% बेटियां हैं.
ये भी हुए फैसले
जल जीवन मिशन का प्रजेंटेशन
-इस मिशन के तहत हर घर मे पीने का पानी उपलब्ध कराया जाएगा
-प्रोजेक्ट पर करीब 50 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे
-2023 तक ये प्रोजेक्ट पूरा करने का लक्ष्य
-धर्म स्वतंत्र विधेयक का अनुमोदन
-बजट सत्र में पेश किया जाएगा
-आदिम जाति कल्याण विभाग का नाम जनजातीय कार्य विभाग किया गया
-हरबाखेड़ी में सिंचाई परियोजना को मंजूरी
-93.75 करोड़ रुपये में पूरा होगा परियोजना का काम