भोपाल। नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव के पहले शिवराज सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे छोटे किसान और भूमिहीन कृषि श्रमिक, जिन्होंने गैर पंजीकृत साहूकारों से 15 अगस्त 2020 तक ऋण लिया है, वह पूरा माफ होगा। इसका ब्याज भी उन्हें नहीं देना होगा। इसके लिए मध्य प्रदेश ग्रामीण (सीमांत व छोटे किसान तथा भूमिहीन कृषि श्रमिक) ऋण विमुक्ति विधेयक-2022 का प्रारूप अनुमोदन के लिए मंगलवार को कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाएगा। शिवराज सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों के अनुसूचित जनजाति के व्यक्तियों को गैर पंजीकृत साहूकारों के ऋण से मुक्ति दिलाने के लिए अधिनियम में संशोधन पहले ही कर दिया था।
अब गैर अनुसूचित जनजाति वर्ग के छोटे किसान (दो हेक्टेयर से कम भूमिधारक) और कृषि मजदूरों के लिए यह प्रविधान किया जा रहा है। इसके लिए जनवरी 2021 में विधेयक को विधानसभा में प्रस्तुत करने और पारित कराने की कार्यवाही करने के लिए राजस्व विभाग को अधिकृत किया था। विधानसभा में प्रस्तुत करने के पहले इसे राष्ट्रपति की अनुमति के लिए फरवरी 2021 में भेजा था। यह केंद्रीय गृह मंत्रालय में दिसंबर 2021 में विवाद की स्थिति से निपटने के लिए प्रक्रिया तय करने का सुझाव देते हुए लौटा था। इस सुझाव को शामिल करते हुए 24 मार्च 2022 को वरिष्ठ सचिव समिति ने इसे हरी झंडी दी और विधि एवं विधायी विभाग के परीक्षण के बाद विधेयक तैयार किया गया है।
इसमें यह प्रविधान किया गया है कि 15 अगस्त 2020 तक गैर पंजीकृत साहूकारों द्वारा दिए गए ऋण और ब्याज की राशि माफ हो जाएगी। राशि वसूली के संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की जाएगी। चल या अचल संपत्ति गिरवी रखी है तो उसे भी मुक्त करना होगा। यदि नहीं किया जाता है तो तीन वर्ष का कारावास या एक लाख रुपये जुर्माने से दंडित किया जा सकेगा। सिविल न्यायालय में इससे जुड़े मामले स्वीकार नहीं किए जाएंगे।