ग्वालियर। शिवराज कैबिनेट में राज्यमंत्री व भिंड के मेहगांव विधायक ओपीएस भदौरिया को हाईकोर्ट से झटका लगा है। कोर्ट ने उनके आवेदन को खारिज कर दिया है, जिसमें मांग की गई थी कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए ऐसे किसी भी दस्तवेज को रिकॉर्ड पर नहीं लें, जिसमें तारीख जगह या समय का उल्लेख नहीं किया गया हो। अरविंद त्यागी नामक व्यक्ति ने हाईकोर्ट ग्वालियर में राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया के निर्वाचन को शून्य घोषित करने की मांग की है। उनका कहना है कि राज्यमंत्री भदौरिया ने वोटिंग के दौरान मतदान केंद्रों पर जाकर अनैतिक तरीके से खुद का प्रचार किया। ये मामला विधानसभा के उपचुनाव के दौरान का है। मेहगांव विधानसभा क्षेत्र से ओपीएस भदौरिया ने चुनाव लड़ा था। पहले वह कांग्रेस में थे। सिंधिया समर्थकों के पाला बदलने के बाद में वे बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे। मेहगांव कस्बे के रहने वाले अरविंद त्यागी ने राज्यमंत्री भदौरिया के निर्वाचन को निरस्त करने की मांग करते हुए हाईकोर्ट में उनके खिलाफ याचिका दायर की है।
आरोप है कि विधानसभा उपचुनाव में मंत्री भदौरिया ने मतदान केंद्रों पर जाकर मतदाताओं को प्रभावित किया। विधानसभा चुनाव के पोलिंग बूथ पर अपने परिचित अधिकारियों को पदस्थ करवाया, जिसके कारण वह चुनाव जीत सके। यह आचार संहिता का सरासर उल्लंघन है, इसलिए भदौरिया का निर्वाचन शून्य घोषित किया जाए।
इस याचिका के खिलाफ मंत्री भदौरिया की ओर से हाईकोर्ट में एक आवेदन पेश किया गया था, जिसमें कहा गया था कि ऐसे किसी भी दस्तावेज को रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाए, जिसमें दिनांक, स्थान अथवा समय का उल्लेख नहीं किया गया हो। सभी तथ्यों को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में प्रश्न तय हो चुके हैं। इसलिए आरोपों की सच्चाई साक्ष्य दर्ज करते समय ही पता चल सकेगी। कोर्ट ने मंत्री भदौरिया के आवेदन को खारिज कर दिया। अब इस मामले पर सुनवाई 10 अप्रैल को होगी। इस बारे में शासकीय अधिवक्ता धर्मेंद्र शर्मा ने ये जानकारी दी।