दरअसल, केंद्रीय कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने निजी स्टाफ में मध्य प्रदेश कैडर के अधिकारी इलैया टी राजा अपना निज सचिव बनाना चाहते थे। इसके लिए केंद्रीय कार्मिक विभाग के साथ पत्राचार भी किया गया था, लेकिन पीएमओ की सहमति नहीं मिल पाई। मध्य प्रदेश के कई आईएएस अफसरों में निज सचिव बनाने की सुगबुगाहट थी। जिसमें मनीष सिंह, आशुतोष सिंह जैसे अफसरों के नाम सूची में शामिल थे, लेकिन सूत्रों के मुताबिक निज सचिव के लिए शिवराज की और से आईएएस अफसर इलैया टी राजा के नाम पर सहमति बनाई गई है। शिवराज के नामों पर PMO तैयार नहीं हुआ, एमपी समाचार ने यह बताया था की शिवराज का पसंदीदा अफसर नहीं बनेगा और किसी अन्य राज्य के अफसर को बनाए जाने की खबर थी। इसका मुख्य कारण शिवराज और उनके अधिकारियों पर कई गंभीर भ्रष्टाचार जैसे आरोप लगे थे। दिल्ली ने ये तय किया था शिवराज को उनकी पसंद निजी सचिव नहीं मिलेगा।
PMO के सूत्रों के अनुसार चर्चा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वक्त सभी जगह अपनी नज़र बनाकर रखी है, शिवराज और उनके पसंदीदा अफसरों पर कई गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहें है, ऐसे में केंद्र सरकार किसी भी अफसर को पदस्थ करने से पहले 360-डिग्री कराती है, इसका उपयोग अब अखिल भारतीय सेवाओं और केंद्र सरकार के समूह ‘ए’ सेवाओं के अधिकारियों के मूल्यांकन के लिए किया जा रहा है, ताकि उन्हें भारत सरकार में कई अहम और प्रमुख पदों पर नियुक्त किया जा सके। इस रिपोर्ट में आपका पूरा ब्यौरा तैयार होता है, इंटेलिजेंस यह रिपोर्ट तैयार करती है। रिपोर्ट में जीवन शैली के साथ-साथ आपका कामकाज करने का तरीका और राजनेताओं से कनेक्शन से जुड़ा पूरा ब्योरा होता है।