इंदौर। प्रदेश सरकार द्वारा घोषित मुख्यमंत्री बिजली बिल माफी योजना का लाभ ऐसे उपभोक्ता को भी मिलेगा जिन्होंने कोरोना काल में बिल की राशि नियमित जमा की। प्रदेश के जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने यह ऐलान किया। सिलावट ने शुक्रवार को कहा कि ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने पहले ही बिल चुका दिया थे वे भी योजना के दायरे में आएंगे। उनके आगे के बिलों में पुरानी जमा राशि का समायोजन होगा। हालांकि इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का रूख मंत्री के दावे के उलट है। बिजली कंपनी ने साफ कर दिया कि बिल जमा कर चुके उपभोक्ताओं को लाभ नहीं देगी।
जलसंसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने शुक्रवार को रेसीडेंसी कोठी में विभिन्न विभागों के अधिकारियों के साथ शासन की योजनाओं की समीक्षा को लेकर बैठक की थी। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा प्रदेश के सभी गरीब और मध्यमवर्गीय लोगों को कोरोना काल की आर्थिक परेशानियों से राहत देने की है, इसलिए बिल माफी योजना घोषणा की गई है।
लिहाजा वे भी लोग भी लाभ दायरे में आ रहे हैं जिन्होंने उस समय बिल जमा कर दिया था। जिन पर बकाया है उनका बिल तो माफ किया ही जा रहा है। जिन्होंने बिल चुका दिया था उनकी जमा राशि का अगले बिजली बिलों में समायोजित की जाएगी।यानी पहले कोरोना काल के दौरान तय अवधि में जितनी राशि के बिजली बिल ऐसे उपभोक्ताओं ने जमा किए थे वह राशि आने वाले माह के बिलों से घटाई जाएगी।
इंदौर की पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी ने बिल चुकाने वाले जिम्मेदार उपभोक्ताओं को योजना से बाहर कर दिया है। बिजली कंपनी के पीआरओ अवधेश शर्मा ने नईदुनिया से बात करते हुए कहा कि कंपनी के एमडी अमित तोमर बिल माफी को लेकर टिप्पणी नहीं करेंगे। शहर के अधीक्ष्रण यंत्री मनोज शर्मा ही योजना का खांका बताएंगे। बाद में अधीक्षण यंत्री ने कहा कि लाभ सिर्फ उन्हीं उपभोक्ताओं को मिलेगा जिन्होंने कोरोना काल में बिल नहीं चुकाए थे और बाद में उनकी राशि फ्रीज की गई थी। ऐसे उपभोक्ता जिन्होंने बिल जमा किया था डिफाल्टर नहीं थे वे भले ही एक किलोवाट से कम लोड की श्रेणी में हो उन्हें योजना का लाभ नहीं मिलेगा।