भोपाल।राज्य सरकार अपने 8 लाख नियमित कर्मचारियों और 5.50 लाख पेंशनर्स को नई सुविधाएं देने जा रही है। इनमें कर्मचारियों के मामले में यह खास होगा कि उन्हें जीवन भर में जमा पूंजी राशि (जीपीएफ) रिटायरमेंट के चार महीने पहले ही मिल जाएगी, अभी प्रक्रिया जटिल होने से इस भुगतान में रिटायरमेंट के बाद 6 महीने का समय लग जाता है। साथ ही बैंकों से पेंशन कम मिलने, पेंशन का निर्धारण न होने जैसी दिक्कतों का भी निराकरण हो जाएगा। यानी सरकार कर्मचारियों की तरह पेंशनर की पेंशन सीधे खाते में ट्रांसफर करेगी और वे तत्काल उसे निकाल सकेंगे।
अफसरों और कर्मचारियों के भुगतान संबंधी इन मामलों में आसानी के लिए 50 साल पुराने नियमों में सुधार करने जा रहा है। इस बारे में शुरुआती खांका तैयार कर लिया गया है जिसे वरिष्ठ सचिवों की समिति से मंजूरी और शासन की स्वीकृति के बाद जल्द ही लागू किया जाएगा। इसके साथ ही 2005 के बाद राज्य की सेवा में आए कर्मचारियों के संबंध में उनकी जमा राशि में से भुगतान की स्पष्टता नहीं है, इसमें अभी पीडीआरएफए के नियम लागू होते हैं।
भुगतान की इस प्रक्रिया को आसान करने के लिए राज्य सरकार जीपीएफ की तर्ज पर नियम तैयार करेगी। दरअसल, प्रदेश में अफसरों और कर्मचारियों के भुगतान संबंधी नियम काफी पुराने हो चुके हैं, जिनमें इतनी जटिलताएं है कि अपनी ही जीवन भर में जमा की गई पूंजी को पाने के लिए दफ्तरों के चक्कर काटना पड़ते हैं, जिसमें समय और विलंब दोनों होते हैं। जीपीएफ में जमा राशि का फाइनल पेमेंट के लिए कार्यालय प्रमुख बिल महालेखाकार कार्यालय को भेजता है, जहां से दस्तावेजों की वापसी होने के बाद ट्रेजरी को भेजे जाते हैं। इस प्रक्रिया का शार्टकट निकाला जा रहा है जिससे भुगतान की प्रक्रिया में आसानी हो। अभी फाइनल पेमेंट लेने में छह महीने से साल भर का समय लग जाता है।
अभी रिटायर होने के बाद पेंशन बनने में कम से कम एक और तीन महीना और उससे ज्यादा समय लग जाता है जिससे रिटायरमेंट के बाद पेंशनर को जमा पूंजी में ही तीन से चार महीने तक निकालने पड़ते हैं। इसमें कितनी पेंशन बनी है, यह अभी विभाग फिजिकल डाक्यूमेंट बैंक को देता है और बैंक उसके हिसाब से पेंशन तय करता है। यह कागज खो जाने या अन्य स्थिति में गुम हो जाने पर डुप्लीकेट बनवाने में समय लगता है। नई व्यवस्था में रिटायरमेंट के अगले महीने ही पेंशन भुगतान की व्यवस्था की जा रही है।
ये हैं प्रस्तावित सुधार
पीपीओ अंतरण की प्रक्रिया – केंद्रीयकृत या विकेंद्रीकृत होगी
डिजिटल लाइफ सर्टिफिकेट
वीडियो लाइफ सर्टिफिकेट
डोर स्टेप बैंकिंग।