शिवराज सरकार ने अवैध कॉलोनियों को वैध करने को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

भोपाल। मध्य प्रदेश में 31 दिसंबर 2016 के पहले अस्तित्व में आई लगभग छह हजार अवैध कालोनियों को रहवासियों को राहत देने के लिए शिवराज सरकार ने भवन व भूखंड को वैध करने के नियम तो बनाए लेकिन इसका लाभ नहीं मिल पाया। जटिल प्रक्रिया होने के कारण कालोनियों को वैध करने में आ रही दुश्वारियों को देखते हुए अब सरकार प्रक्रिया को सरल करने के साथ विकास शुल्क को कम करेगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को मंदसौर में इस संबंध में घोषणा की।

 

नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मध्य प्रदेश नगर पालिका कालोनी विकास नियम लागू किया है। इसमें प्रविधान है कि दो हेक्टेयर क्षेत्र से अधिक कालोनी का क्षेत्र होने पर नगर तथा ग्राम निवेश संचालनालय द्वारा अधिकतम तीन चरण में कालोनी विकास की अनुमति दी जाएगी। आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग तथा निम्न आय वर्ग के सदस्यों के लिए 15 प्रतिश्ात आवास रखने होंगे। यदि कालोनाइजर भूखंड या आवास की जगह आश्रय शुल्क जमा करना चाहता है तो उसे अनुमति होगी। ऐसी कालोनियां, जिनमें 70 प्रतिशत से अधिक निम्न आय वर्ग वाले निवास करते हैं तो विकास शुल्क का बीस प्रतिशत ही कालोनीवासियों से लिया जाएगा। बाकी 80 प्रतिशत राशि संबंधित निकाय द्वारा वहन की जाएगी।

 

इससे भिन्न् श्रेणी की कालोनी के लिए 50 प्रतिशत विकास शुल्क कालोनी के रहवासियों को देना होगा। यह राशि अधिक होने के कारण रहवासी तैयार नहीं हो रहे हैं। वहीं, नगरीय निकायों की आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं है कि वे बिना सरकारी मदद के विकास कार्य करा सकें। विकास कार्य 50 प्रतिशत पूरा होने पर ही 50 प्रतिशत भवन या भूखंड मुक्त करने का प्रविधान है। अवैध कालोनी में भूखंड या भवन को वैध करने के लिए उसके स्वामी को आवेदन करना होगा। इसके लिए विधिवत शुल्क लिया जाएगा। इस तरह के अन्य प्रविधान भी नियम में हैं। इसको लेकर विभाग को कई सुझाव प्राप्त हुए थे। इसे देखते हुए सरकार ने प्रक्रिया के सरलीकरण और विकास शुल्क में कमी करने को लेकर विचार किया है। अब इस पर कैबिनेट में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

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