भोपाल | कोरोना संकट के दौरान किसानों को राहत देने के लिए शिवराज सरकार अब मूंग भी समर्थन मूल्य पर खरीदेगी। अभी गेहूं, चना, मसूर और सरसों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की जा रही है। गेहूं 94 लाख टन और चना एक टन से ज्यादा खरीदा जा चुका है। मूंग के लिए किसानों का पंजीयन जल्द शुरू कराया जाएगा। कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ है। उन्हें उपज का समर्थन मूल्य दिलाने के लिए कोरोना संकट काल में भी समिति स्तर पर खरीद की जा रही है।
प्रदेश के होशंगाबाद, हरदा, नरसिंहपुर, विदिशा, रायसेन, जबलपुर सहित अन्य जिलों में ग्रीष्मकालीन मूंग की खेती बड़े पैमाने पर होती है। सिंचाई के साधनों का विस्तार होने के बाद प्रदेश में किसान अब तीन फसल लेने लगे हैं। मानसून से पहले मूंग की फसल आ जाती है और इससे होेने वाली आमदनी से किसान सालभर की अपनी व्यवस्थाएं बना लेते हैं।
कोरोना संकट की स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने तय किया है कि मूंग की भी समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी। कृषि मंत्री पटेल ने बताया कि प्रदेेश की भाजपा सरकार किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है। इस संकटकाल में अब तक 94 लाख टन से अधिक गेहूं खरीदा जा चुका है।
किसानों से एक-एक दाना खरीदने के लिए खरीद की अंतिम तारीख भी बढ़ाकर 25 मई कर दी है। जरूरत पड़ने पर इसेे और बढ़ाया जा सकता है। वैसे माना जा रहा है कि इस अवधि में सभी पंजीकृत किसान उपज बेच चुके होंगे। वहीं, पहली बार चना, मसूर, सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीद गेहूं के साथ की गई। अभी तक फसल पहले आनेे के बाद भी गेहूं के बाद खरीद होती थी। इससे ज्यादातर किसान उपज स्थानीय व्यापारियों को औने-पौने दाम में बेच देते थे।
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