भोपाल। प्रदेश में औद्योगिक विकास की गति को बढ़ावा देने के लिए भोपाल, सीहोर, धार, रतलाम और नरसिंहपुर में औद्यौगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। यहां 32 हजार करोड़ रुपये से अधिक का निवेश होगा। इससे 38 हजार 450 व्यक्तियों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष तौर पर रोजगार मिलेगा। वहीं, उज्जैन की विक्रम उद्योगपुरी में मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना की जाएगी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।
बैठक में विभागीय अधिकारियों ने बताया कि भोपाल (बैरसिया), सीहोर (आष्टा झिलेला), धार (तिलगारा), रतलाम और नरसिंहपुर में एक हजार 997 हेक्टेयर भूमि पर औद्यौगिक पार्क विकसित किए जाएंगे। इन स्थानों पर निवेशकों ने भूखंड आवंटन में रूचि दिखाई है और भविष्य में मांग भी बढ़ेगी। प्रारंभिक तौर पर विभिन्न् उद्योग समूहों के साथ जो चर्चा हुई है, उसमें 32 हजार करोड़ रुपये का निवेश संभावित है। इसके साथ ही सरकार ने तय किया है कि मेडिकल डिवाइसेस पार्क की स्थापना मोहासा बाबई के स्थान पर विक्रम उद्योगपुरी, उज्जैन में की जाएगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रीयल कारिडोर के निकट किसी अन्य विकल्प पर विचार करने के लिए पत्र लिखा था। इस आधार पर विक्रम उद्योगपुरी का चयन किया गया है। यह देवास रोड पर स्थित है और 532 एकड़ भूमि उपलब्ध है।
प्रदेश सरकार क्षेत्रीय ग्रामीण बैकों में 212 करोड़ रुपये का निवेश अंशपूंजी के तौर पर करेगी। केंद्र सरकार ने एक हजार 414 करोड़ रुपये की अंशपूंजी सहायता स्वीकृत की है। इसके लिए राज्यांश मिलाने के प्रस्ताव पर कैबिनेट में निर्णय लिया गया। प्रदेश में क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों का व्यवसाय 40 हजार करोड़ रुपये का है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना में मंत्री एक साथ नहीं बल्कि अलग-अलग जाएंगे। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि अलग-अलग स्थानों पर जाने वाली ट्रेन के साथ मंत्री जाएंगे। पहले मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्रियों का एक साथ 18 अप्रैल को ट्रेन से काशी कारिडोर, गंगा स्थान सहित अन्य स्थान पर जाना प्रस्तावित था। प्रदेश के विश्वविद्यालय, अकादमियां और नगरीय निकायों के स्वामित्व वाली भूमि का पुनर्घनत्वीकरण किया जा सकेगा। इसके लिए पुनर्घनत्वीकरण नीति 2016 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। राज्य के बाहर सरकार की अविवादित और अनुपयोगी भूमि पर भी योजना लागू होगी।
– राज्यपाल का स्वेच्छानुदान एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये प्रतिवर्ष किया गया। अब वे प्रति प्रकरण 50 हजार रुपये की जगह एक लाख रुपये स्वीकृत कर सकेंगे।
– गाय, भैंस, बकरी, मुर्गी पालन के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से दो लाख रुपये तक ब्याज रहित ऋण मिलेगा।
– नगरीय क्षेत्रों में फायर सर्विस की योजना को निरंतर रखने, पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ब्याज रहित ऋण देने, धान की मिलिंग के लिए अधिकतम 150 रुपये प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि देने संबंधी प्रस्तावों पर विचार किया जाएगा।
– आग की रोकथाम के लिए फायर सर्विसेज योजना को निरंतर रखा जाएगा। दस साल पुराने 326 वाहन की जगह नए लिए जाएंगे।
– राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के क्षेत्राधिकार में आना वाला बैतूल जिला अब बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल में अंतर्गत आएगा।
– मंदसौर जिले की कायमपुर सूक्ष्म सिंचाई परियोजना को स्वीकृति। 252 गांवों के एक लाख 12 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा विकसित होगी ।
– मंदसौर जिले की ताखाजी सिंचाई परियोजना को स्वीकृति । नौ गांवों का तीन हजार 200 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा विकसित होगी।
– बालाघाट जिलेे की लामटा सिंचाई परियोजना को स्वीकृति। 55 गांवों में सिंचाई सुविधा विकसित होगी।