भोपाल। मध्य प्रदेश में पंचायतों का परिसीमन नए सिरे से किया जाएगा। इसके साथ ही जनपद और जिला पंचायत के निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन और वार्ड का विभाजन भी नए सिरे से होगा। इसके लिए शिवराज सरकार ने एक बार फिर मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन (द्वितीय) अध्यादेश जारी किया है। इसके पहले जारी अध्यादेश को वापस लेने से कमल नाथ सरकार में हुआ परिसीमन प्रभावी हो गया था। नए अध्यादेश से एक बार फिर वह निरस्त हो गया है।
राज्यपाल मंगुभाई पटेल की अनुमति मिलने के बाद विधि एवं विधायी विभाग ने गुरुवार देर शाम मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन के लिए अध्यादेश की अधिसूचना जारी की। इसमें अधिनियम की धारा दस में यह प्रविधान किया गया कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा परिसीमन के 18 माह में यदि चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की जाती है, तो वह निरस्त समझा जाएगा।
इसके मायने यह हुए कि वर्ष 2019 में कमल नाथ सरकार के समय पंचायतों का जो परिसीमन हुआ था, वह निरस्त हो गया है क्योंकि 18 माह से अधिक समय हो चुका है। अब पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग अध्यादेश के अनुसार नए सिरे से ग्राम पंचायत या उसके वार्डों, जनपद पंचायत या उसके निर्वाचन क्षेत्रों अथवा जिला पंचायत या उसके निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन या विभाजन करेगा।