भोपाल। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पहल पर मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार कृषि के क्षेत्र में नवाचार करने जा रही है। कृषि उपकरणों पर दिया जाने वाला अनुदान अब ई-रुपी के माध्यम से मिलेगा। प्रकरण स्वीकृत होने के बाद किसान के नाम पर ई-रुपी वाउचर जारी होगा। इसे दिखाकर वह अधिकृत उपकरण विक्रेता से अपनी पसंद के उपकरण लेगा। उपकरण के सत्यापन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद किसान को मोबाइल फोन पर ओटीपी भेजा जाएगा। जैसे ही वह सहमति देगा, उपकरण निर्माता कंपनी को भुगतान हो जाएगा। इस व्यवस्था से न तो डीलर को भुगतान के लिए जिला कार्यालय के चर लगाने पड़ेंगे और न ही किसान को कोई परेशानी होगी। यह व्यवस्था अप्रैल 2022 से लागू करने की तैयारी है।
सरकार प्रतिवर्ष किसानों को उपकरण खरीदने पर सौ करोड़ रुपये से अधिक का अनुदान देती है। केंद्र सरकार ने विभिन्न् योजनाओं में ई-रुपी योजना लागू करने के निर्देश सभी राज्यों को दिए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर इसे लागू करने के लिए कहा था। कृषि विभाग ने पहल करते हुए कृषि उपकरण पर दिए जाने वाले अनुदान को ई-रुपी वाउचर के माध्यम से देने का निर्णय लिया है।
संचालक कृषि अभियांत्रिकी राजीव चौधरी ने बताया कि मौजूदा व्यवस्था में किसान आवेदन करता है। लाटरी के माध्यम से चयन होने के बाद क्रय स्वीकृति आदेश जारी होते हैं। किसान विभाग के पोर्टल पर दर्ज पंजीकृत डीलर से संपर्क करके उपकरण पसंद करता है। दर का निर्धारण वह स्वयं डीलर से मोल-भाव करके करता है। दरअसल, मिलीभगत के आरोप न लगें और पारदर्शिता रहे, इसके लिए सरकार ने यह नीति बनाई है कि वह अपने स्तर से उपकरण की कीमत तय नहीं करेगी। अधिकतम अनुदान की दर जरूर शासन स्तर से तय की जाती है। अनुदान की राशि का भुगतान किसान और डीलर को न करके सीधे निर्माता को किया जाता है।
थ्रेशर, सीड ड्रिल (बोवनी के उपयोग में आने वाली मशीन), कम्बाइन हार्वेस्टर, स्ट्रा रीपर (खेत में बचे डंठल को भूसा बनाने की मशीन), रोटावेटर, राइस ट्रांसप्लांटर, प्लाऊ (गहरी जुताई कर मिट्टी को पलटने वाला यंत्र), ट्रैक्टर-ट्राली, उड़ावनी मशीन, कल्टीवेटर (खेती जुताई यंत्र), स्प्रेयर सहित अन्य।नई व्यवस्था में किसान के नाम से ई-रुपी वाउचर जारी किया जाएगा। भुगतान तभी होगा, जब उपकरण लेने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।