भोपाल | मध्य प्रदेश का पहला ई-बजट आज पेश किया जाएगा. वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा टैबलेट के जरिए विधानसभा में यह बजट पेश करेंगे. यह बजट पूरी तरह से पेपर मुक्त होगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के चौथे कार्यकाल का यह पहला बजट है.
कोरोना महामारी के चलते बीता साल काफी मुश्किलों भरा रहा. सरकार को काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा. ऐसे में इस बात की उम्मीद कम है कि राज्य सरकार पेट्रोल या डीजल से वैट घटाने पर विचार करेगी. यह बजट किसानों, कर्मचारियों और महिलाओं पर फोकस हो सकता है. सरकार का अनुमान है कि मौजूदा वित्तीय वर्ष में प्रदेश की कुल जीडीपी 5,60,845 करोड़ रुपए रहेगी.
प्रदेश में करीब दस लाख कर्मचारी और 4 लाख पेंशनर्स हैं. उम्मीद की जा रही है कि सरकार कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का तोहफा दे सकती है. इसके अलावा डीए की भी व्यवस्था हो सकती है. अगर सरकार बजट में ये प्रावधान करती है तो सरकारी खजाने पर इससे 4-5 हजार करोड़ रुपए का बोझ आ सकता है.
किसान आंदोलन को देखते हुए शिवराज सरकार प्रदेश के किसानों के लिए कुछ बड़े ऐलान कर सकती है. बजट में किसानों के लिए विभिन्न परियोजनाओं का ऐलान किया जा सकता है. साथ ही किसानों के लिए बजट प्रावधान को भी बढ़ाया जा सकता है.
राज्य का बजट ‘आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश’ के लक्ष्य को ध्यान में रख कर तैयार किया गया है. जिसके लिए आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने, रोजगार, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र पर फोकस हो सकता है. 2023 का लक्ष्य साधने के लिए योजनाएं मिशन मोड में चल सकती हैं. जल जीवन मिशन के तहत ज्यादा ग्रामीणों को नल के माध्यम से पानी उपलब्ध कराने पर फोकस रह सकता है.
नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए सरकार शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर को लेकर कुछ बड़ी घोषणाएं कर सकती है. रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) बनाने का प्रावधान भी बजट में किया जा सकता है. इसके लिए 50 फीसदी राशि रेलवे देगा. बजट में मध्य प्रदेश में 9 नए मेडिकल कॉलेज खोलने की भी घोषणा हो सकती है. जिनमें से 6 केन्द्र और तीन प्रदेश सरकार की तरफ से खोले जाएंगे.