भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा में सदन के नेता सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि यह सदन सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव पारित करता है कि बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। मुख्यमंत्री ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हम हर संभव कोशिश करेंगे कि बिना ओबीसी के चुनाव ना हो इसके लिए सभी प्रक्रिया कर रहे हैं। विधानसभा द्वारा संकल्प पारित करने के बाद अब पंचायत चुनाव टलने के आसार बन गए हैं। राज्य निर्वाचन आयोग को अब तय करना है कि चुनाव कराए जाएं या नहीं। आयोग अभी इंतजार में है कि सुप्रीम कोर्ट पुनर्विचार याचिका पर क्या फैसला देता है। विधानसभा में हंगामे के बीच पारित हुए 5 विधेयक और अनुपूरक बजट, इसके बाद कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।
विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज चौथा दिन है। सुबह 11 बजे सदन में कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने पंचायत चुनाव का मुद्दा उठाते हुए हंगामा करना शुरू कर दिया। कांग्रेस विधायकों ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर सरकार कुछ नहीं कर रही है। एक तरफ पंचायत चुनाव की प्रक्रिया चल रही है, दूसरी ओर कोर्ट में जाने की बात कही जा रही है। नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम चाहते हैं चुनाव को तत्काल रोका जाए।
इसके जवाब में गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सरकार की ओर से पक्ष रखते हुए कहा कि हमने रिव्यू पिटीशन दाखिल कर दी है। आज अर्जेंट हेयरिंग को लेकर कोर्ट से आग्रह कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस के विधायक उनके इस जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और आसंदी के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। इस पर नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस यहां पर घड़ियाली आंसू बहा रही है प्रतिदिन प्रश्नकाल को बाधित किया जा रहा है। हमने जो कहा उसका अक्षरश: पालन कर रहे हैं। ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो, हम इसी दिशा में आगे बढ रहे हैं। तभी सत्ता पक्ष से विश्वास सारंग और भूपेंद्र सिंह खड़े हुए और विपक्ष से बहस करने लगे।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि गुजरात और छत्तीसगढ़ में ओबीसी आरक्षण के साथ चुनाव हो रहे हैं, लेकिन मप्र में कांग्रेस ने कोर्ट में जाकर ओबीसी आरक्षण को रोकने का काम किया है। विवेक तन्खा वहां पर पैरवी कर रहे हैं। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही 15 मिनट और फिर दस मिनट के लिए स्थगित की गई। कार्यवाही शुरू होने पर विपक्ष ने फिर हंगामा करना शुरू कर दिया। इस पर सदन की कार्यवाही तीसरी बार स्थगित कर दी गई।
दोपहर 12 बजे के बाद सदन की कार्यवाही शुरू होने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी बात रखी। विधानसभा में सदन के नेता के तौर पर शिवराज ने कहा कि हम चाहते हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव ना कराए जाएं। सभी सदस्यों ने हाथ उठाकर इस प्रस्ताव का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ओबीसी आरक्षण के बिना चुनाव को लेकर आक्रोश है। हम नहीं चाहते हैं कि बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव हों। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सदन सर्वसम्मति से संकल्प पारित करके यह ऐतिहासिक फैसला करे कि पंचायत चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हों।
इस पर नेता प्रतिपक्ष कमलनाथ ने कहा कि हम तो यही कह रहे थे कि सदन से संकल्प पारित किया जाए। हालांकि संकल्प प्रस्तुति के दौरान सदन में हंगामा भी हुआ। जब मुख्यमंत्री बोल रहे थे तब विपक्ष के सदस्यों द्वारा हंगामा किया गया जिसको लेकर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि जब हमारे नेता को नहीं सुना जाएगा तो हम भी विपक्ष को बोलने नहीं देंगे। इसके बाद अध्यक्ष ने संकल्प प्रस्तुत करवाया। संकल्प पारित होने के बाद जब नेता प्रतिपक्ष अपनी बात रखने के लिए खड़े हुए तो संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि संकल्प पारित होने के बाद उस पर नियम अनुसार चर्चा नहीं होती है। इस पर कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। मुख्यमंत्री संकल्प पारित होने के बाद सदन से निकल गए।