भोपाल। मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज ने सोमवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टर और कमिश्नर के साथ बैठक की। सीएम शिवराज ने चर्चा से पहले कहा कि कमिश्नर, कलेक्टर, आईजी, एसपी के साथ इस वीडियो कान्फ्रेंसिंग ने धीरे-धीरे सुशासन के लिए व्यवस्थागत रूप धारण कर लिया है। कान्फ्रेंस का निश्चित एजेंडा है, उस पर बिंदुवार चर्चा होगी।
सर्वप्रथम कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा और विश्लेषण किया जाएगा। कलेक्टर, एसपी अपने-अपने स्तर पर सरकार के प्रतिनिधि हैं। जिलों में उन्हीं के काम पर जनता को सुशासन देना निर्भर है। उन्हीं के कार्य से सरकार की विभिन्न योजनाएं जनता तक पहुंचती हैं। जिला स्तर पर कलेक्टर एसपी के अच्छे कार्य का बेहतर असर होता है, परंतु जहां ढिलाई रहती है, उससे सरकार की छवि प्रभावित होती है। संपूर्ण प्रशासनिक अमला पूरी प्रतिबद्धता से कार्य करें।
सीएम शिवराज ने कहा कि अब गोचर हेतु उपयोग की जाने वाली किसी सरकारी भूमि को भी किसी विकास परियोजना के लिए आवंटित करने से पहले मध्य प्रदेश गोपालन और पशुधन संवर्धन बोर्ड से सहमति लेनी होगी। यह निर्णय गायों के लिए घास के मैदान आसानी से उपलब्ध कराने हेतु लिया गया है। साथ ही हमने यह भी निर्णय लिया है कि बंद किए गए आठ ‘गो सदनों’ को फिर से चालू किया जाएगा। जबलपुर जिले के गंगईवीर में सरकार की 530 एकड़ जमीन उपलब्ध है वहां पर ‘गो वन विहार’ बनाकर 2,000 गायों को आश्रय दिया जाएगा। हमने बजट में गायों के लिए 300 करोड़ रुपये का प्रविधान भी किया है।