भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तीन साल बाद चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिए गए। अब इनमें से करीब छह चयनित शिक्षकों द्वारा एक ही सत्र में दो डिग्री लेने के कारण उनकी नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। इसमें से कुछ चयनित शिक्षकों ने एक जगह पर नियमित तो दूसरी जगह स्वाध्यायी प्रवेश लेकर डिग्री हासिल की तो कुछ ने अलग-अलग जगहों से नियमित प्रवेश लेकर डिग्रीयां हासिल कर लीं। दस्तावेजों की जांच में यह खुलासा हुआ कि करीब छह शिक्षकों के पास एक सत्र में दो डिग्रीयां हैं। स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षक भर्ती प्रक्रिया में दस्तावेज सत्यापन के दौरान ठीक से दस्तावेजों की जांच नहीं की अब चयन होने के बाद कार्रवाई की जा रही है। लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने पात्रता परीक्षा में चयनित शिक्षकों को पहले नियुक्ति देकर ज्वाइनिंग करवा दी।
अब नियमों का हवाला देकर उनकी नियुक्ति निरस्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग ने तीन साल पहले 2018 में पहले 30,554 पदों के लिए पात्रता परीक्षा ली थी। इनमें से करीब 20 हजार पद स्कूल शिक्षा विभाग के स्कूलों के लिए थे। अक्टूबर माह में 12 हजार 43 के नाम की सूची जारी की गई है। इस सूची के पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति देकर ज्वाइनिंग भी दे दी गई है।
इस सूची में विभाग ने कई ऐसे नाम शामिल कर लिए हैं, जिनके दस्तावेज सत्यापन में गड़बड़ी की गई। दस्तावेजों की जांच में चयनित दो डिग्री वाले अभ्यार्थियों को भी नियुक्ति देकर ज्वाइनिंग दी गई है। अब इनके नियुक्ति आदेश को निरस्त किए जा रहे हैं। हालांकि यूजीसी के नियमों के अनुसार भी एक ही सत्र में दो डिग्रियां प्राप्त करना मान्य नहीं है। हालांकि प्रदेश में विभाग ने 2012 में शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में दो डिग्री को मान्य किया है।
दस्तावेजों की जांच में जिन चयनित शिक्षकों के पास दो डिग्री एक ही सत्र में लेने पाया गया है उनकी नियुक्ति को निरस्त कर दिया गया है। आगे भी दस्तावेजों की जांच की जा रही।