Shoulder Pain: कंधे का दर्द नहीं है मामूली बात हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत! जानिए डॉक्टर की सलाह

Shoulder Pain: अगर आपके कंधे में लगातार दर्द बना हुआ है और आराम करने पर भी ठीक नहीं हो रहा है तो इसे नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। कई लोग इसे सामान्य दर्द समझकर घरेलू इलाज करते रहते हैं लेकिन यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत भी हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार कंधे का लगातार दर्द अगर समय रहते नहीं रुका तो यह आपकी रोजमर्रा की जिंदगी को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। इसलिए जरूरी है कि इस दर्द को गंभीरता से लें और इसकी असली वजह जानें।

क्या हो सकती हैं कंधे में दर्द की असली वजह

डॉक्टरों के अनुसार कंधे में दर्द कई कारणों से हो सकता है। यह मांसपेशियों में खिंचाव गलत पोस्चर भारी सामान उठाने या किसी चोट के कारण हो सकता है। लेकिन कई बार ये दर्द फ्रोज़न शोल्डर रोटेटर कफ इंजरी सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस या फिर दिल से जुड़ी किसी समस्या की वजह से भी हो सकता है। ऐसे में सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर रहना सही नहीं होता। लगातार बने रहने वाला कंधे का दर्द कई बार आने वाले बड़े खतरे की ओर इशारा करता है जिसे नजरअंदाज करना भारी भूल हो सकती है।

Shoulder Pain: कंधे का दर्द नहीं है मामूली बात हो सकता है गंभीर बीमारी का संकेत! जानिए डॉक्टर की सलाह

इन लक्षणों को नजरअंदाज करना पड़ सकता है भारी

डॉ अंचल उप्पल जो कि सरवोदय अस्पताल के ऑर्थोपेडिक विभाग से जुड़ी हैं बताती हैं कि अगर कंधे का दर्द लगातार बना हुआ है तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। अगर आपको हाथ उठाने में दिक्कत हो रही है या दर्द गर्दन और पीठ तक फैल रहा है तो यह चिंता की बात है। सोते वक्त दर्द बढ़ जाना हाथों में झनझनाहट या सुन्नपन महसूस होना जैसे लक्षण नजर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इन लक्षणों को लंबे समय तक नजरअंदाज करना आगे चलकर आपके लिए गंभीर परेशानी का कारण बन सकता है।

कौन से टेस्ट कराएं ताकि कारण का पता चल सके

अगर कंधे का दर्द ठीक नहीं हो रहा है तो डॉक्टर कुछ खास जांचें कराने की सलाह देते हैं। सबसे पहले एक्स-रे कराया जाता है ताकि हड्डियों में किसी फ्रैक्चर या डिस्लोकेशन की जानकारी मिल सके। मांसपेशियों या लिगामेंट में खिंचाव हो तो एमआरआई जरूरी होती है जो रोटेटर कफ इंजरी की पुष्टि करता है। मांसपेशियों और टेंडन की स्थिति देखने के लिए अल्ट्रासाउंड भी एक अच्छा विकल्प है जो जल्दी और सस्ता होता है। अगर शरीर में कहीं संक्रमण या गठिया की संभावना हो तो सीआरपी ईएसआर और रूमेटॉइड फैक्टर जैसे ब्लड टेस्ट कराए जाते हैं। हाथों में कमजोरी या सुन्नता हो तो नर्व कंडक्शन टेस्ट यानी एनसीवी या ईएमजी से नर्व की स्थिति का पता चलता है।

कब जाएं डॉक्टर के पास और कैसे बचें बड़ी परेशानी से

डॉ उप्पल कहती हैं कि अगर दर्द सात से दस दिन तक लगातार बना रहे तो बिना देरी किए डॉक्टर से मिलें। दर्द को नजरअंदाज करने से आपकी नींद प्रभावित हो सकती है कामकाज में दिक्कत आ सकती है और मानसिक तनाव भी बढ़ सकता है। सही समय पर इलाज शुरू करने से न सिर्फ आपको आराम मिलेगा बल्कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी भी पहले जैसी सामान्य हो सकेगी। इसलिए कंधे के दर्द को छोटा न समझें और विशेषज्ञ की सलाह लेकर सही जांच और इलाज कराएं।

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