राशि। भारतीय ज्योतिष में शुक्र का गोचर परिवर्तन काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। शुक्रदेव का कर्क राशि में गोचर 30 मई 2023 की रात्रि 7:39 बजे होगा। 30 मई को शुक्र ग्रह बुध की राशि मिथुन से निकलकर चंद्रमा के स्वामित्व वाली कर्क राशि में प्रवेश करेंगे। शुक्र ग्रह कर्क राशि में 7 जुलाई 2023 की सुबह 3:59 बजे तक रहेंगे। इसके बाद शुक्र ग्रह का सूर्य के स्वामित्व वाली सिंह राशि में प्रवेश होगा
भारतीय ज्योतिष में शुक्र ग्रह को स्त्री तत्व ग्रह माना जाता है। वहीं कर्क राशि के स्वामी चंद्रमा भी स्त्री प्रधान ग्रह है। कर्क राशि में शुक्र का गोचर मध्यम माना जाता है। कर्क में कफ प्रकृति के शुक्र का प्रवेश होगा, जिससे भारी वर्षा की स्थिति भी निर्मित हो सकती है। भारतीय ज्योतिष के अनुसार शुक्र ग्रह मीन राशि में उच्च और कन्या राशि में नीच राशिगत माने जाते हैं। यह वृषभ और तुला राशियों पर अधिकार रखते हैं और मकर और कुंभ लग्न के लिए योगकारक ग्रह माने जाते हैं। इसके अलावा शुक्र ग्रह को भोग विलासिता का भी प्रतीक माना जाता है।
मेष राशि के जातकों के लिए शुक्र का चौथे भाव में गोचर परिवार में शांति लाएगा। परिवार की सुख सुविधाओं में बढ़ोतरी होगी। घर परिवार के लोगों में प्रेम बढ़ेगा। मनोरंजन के नए साधन खोजेंगे। अभिनय, नाटक, नृत्य आदि सीखने के लिए प्रेरित हो सकते हैं। हर काम में उन्नति करेंगे। अविवाहितों के विवाह तय हो सकते हैं। कार्यक्षेत्र में पदोन्नति भी हो सकती है। प्रेम संबंधों के लिए समय भावुकता से भरा रहेगा, लेकिन अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रखना होगा। किसी भी दुष्प्रभाव से बचने के लिए मेष राशि के जातकों को शुक्र देव के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।