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रात दस बजे से पहले सोने से बढ़ सकता है हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा, स्टडी में खुलासा

Sleeping before ten

नई दिल्ली |  बचपन से हम बड़े, बुजुर्गों से सुनते आए हैं अरली टू बेड, अरली टू राइज, मेक्स ए मैन हेल्दी, वेल्थी एंड वाइस। यानी जल्दी सोना और जल्दी जागना मनुष्य को स्वस्थ्य, धनवान और बुद्धिमान बनाती है। हालांकि इस फॉर्मूले से पैरेंट्स और डॉक्टर्स दोनों ही अमल करने को बोलते रहे हैं। लेकिन टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी एक खबर के अनुसार, मेडिकल जर्नल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी कहती है, कि रात को दस बजे से पहले सोने से व्यक्ति को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती है।

मेडिकल जर्नल स्लीप मेडिसिन में प्रकाशित एक स्टडी के अनुसार, अगर आप रात को 10 बजे से पहले सोते हैं तो आपको हार्ट अटैक और स्ट्रोक से मौत का खतरा 9 फीसदी तक बढ़ जाता है और मृत्यु को आमंत्रित करता है। लेकिन अगर कोई व्यक्ति देर से सोता है तो भी उसमें मेटाबॉलिज्म से जुड़ी बीमारियां और जीवन शैली से संबंधित विकार उत्पन्न होने लगते हैं।

स्टडी करने वाले वैज्ञानिकों ने स्लीप मेडिसिन में लिखा है कि 21 से ज्यादा देशों में रात 10 बजे से पहले मरने वाले 5,633 लोगों की मौत की जांच करवाने पर ये सामने आया कि इनमें से 4,346 मौतों की वजह हार्ट अटैक और स्ट्रोक थी।

स्टडी में इस बात का भी खुलासा हुआ है कि जो लोग आधी रात को सोते हैं उन लोगों में बीमारी और मौत का खतरा दूसरे लोगों की अपेक्षा 10 फीसदी बढ़ जाता है। इस बारे में स्टडी का हिस्सा रहे डॉक्टर वी. मोहन ने बताया कि ‘हम सब जानते हैं कि हर किसी के लिए 6-8 घंटे सोना बेहद ज़रूरी होता है. लेकिन जल्दी और देर से सोने की बजाय सही समय पर सोना बहुत मायने रखता है।’

स्टडी के दौरान, हमने पाया की सोने और घटनाओं के जोखिम के बीच यू शेप का तालमेल देखा, इसके बाद इसके बाद ये बात निकलकर सामने आई कि जिन लोगों के सोने का समय रात 10 बजे से मध्य रात्रि के बीच का था, उनके लिए हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा काफी कम था। लेकिन इसके उलट ग्राफ में ये बात भी सामने आई कि जो लोग शाम को, या शाम 7 बजे से पहले सोते हैं उन्हे भी हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा, सबसे ज्यादा रहता है।

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