ग्वालियर। रायसेन जिले के सेहतगंज में स्थित मेसर्स सोम डिस्टिलरीज अब शराब का निर्माण नहीं कर पाएगी। डिस्टिलरीज ने 2021-22 के लिए लाइसेंस नवीनीकरण के लिए जो आवेदन किया था, उसे आबकारी विभाग ने अमान्य कर दिया है। विभाग ने डिस्टिलरीज में अनियमित्ताएं पाए जाने पर यह फैसला लिया है।
रायसेन जिले के खाद्य विभाग ने डिस्टिलरीज के आठ ब्रांड के नमूने लिए थे। इसमें सात ब्रांड मिस ब्रांडेड पाए गए। साथ ही नवीन और नवकरणीय उर्जा विभाग की 21 लाख 12 हजार 500 रुपये की राशि बकाया है। धार जिले के आबकारी कार्यालय ने डिस्टिलरीज को काली सूची में डाल दिया है। साथ ही डिस्टिलरीज में सैनिटाइजर के निर्माण में कर का अपवंचन पाया गया था। आयुक्त के निर्देश के बाद भी प्लांट मशीनरी में कोई परिवर्तन नहीं किया गया। इन सभी अनियमित्ताओं के चलते सोम डिस्टिलरीज के लाइसेंस नवीनीकरण का आवेदन अमान्य कर दिया गया। इस आवेदन के अमान्य होने से लाइसेंस निरस्त हो गया है। आबकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे का कहना है कि सोम डिस्टिलरीज सेहतगंज आबकारी विभाग के मापदंडों का पालन नहीं कर रही थी। इसलिए लाइसेंस रिन्यूवल नहीं किया गया है।
सांक नदी के किनारे बसे गांवों में एसपी अमित सांघी के निर्देश पर सर्चिंग की गई। पुलिस ने तालपुरा, कोल्हूपुरा, कुलैथ, पंचापुरा व रामप्रसाद के पुरा में अवैध शराब की भट्टियों को तलाश किया गया। सीएसपी नागेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस को देखकर अवैध शराब उतार रहे लोग भाग गए। पुलिस ने 20 ड्रम लहान जब्त कर नष्ट कर दी है।