तिरुपति। तिरुपति बालाजी मंदिर में दर्शन के दौरान भगदड़ मचने की घटना सामने आई है, जिसमें 6 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 अन्य घायल हो गए। यह हादसा श्री वेंकटेश्वर स्वामी के वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए टोकन जारी करने से पहले हुआ। टोकन वितरण गुरुवार सुबह से शुरू किया जाएगा।
वैकुंठ द्वार दर्शन के लिए विशेष व्यवस्था
वैकुंठ एकादशी के अवसर पर तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 10 से 19 जनवरी तक वैकुंठ द्वार दर्शन की सुविधा प्रदान की है। इसके तहत 9 जनवरी सुबह 5 बजे से टोकन वितरण शुरू हुआ। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और उत्साह के कारण कई केंद्रों पर भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
टोकन वितरण केंद्र और व्यवस्था
टीटीडी ने तिरुपति और तिरुमला में 8 केंद्रों पर 90 काउंटर लगाए हैं।
-तिरुपति इंदिरा मैदान, श्रीनिवासम कॉम्प्लेक्स, विष्णु निवासम।
– तिरुमला बालाजी नगर सामुदायिक हॉल।
9 जनवरी को कुल 1.20 लाख टोकन जारी किए गए, जो 10, 11 और 12 जनवरी के दर्शन के लिए हैं। बिना टोकन के दर्शन संभव नहीं होंगे।
हादसे की स्थिति और नुकसान
विष्णु धाम के काउंटर पर भीड़ बढ़ने से धक्का-मुक्की हुई, जिसके कारण भगदड़ मच गई। इस दौरान एक महिला सहित 6 श्रद्धालुओं की जान चली गई, जबकि 40 घायल हो गए।
टीटीडी और मुख्यमंत्री का बयान
टीटीडी के अध्यक्ष बीआर नायडू ने घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया। अब तक केवल एक मृतक की पहचान हो सकी है।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इस घटना को लेकर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिए अधिकारियों को फटकार लगाई और भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सख्त निर्देश दिए। मुख्यमंत्री गुरुवार को मृतकों के परिवारों से मुलाकात करेंगे और घटनास्थल का दौरा करेंगे।
भक्तों का उत्साह और सुरक्षा व्यवस्था की चुनौतियां
वैकुंठ एकादशी के दर्शन के लिए भक्तों में जबरदस्त उत्साह देखा गया। लोग बुधवार रात से ही काउंटरों पर लाइन में लग गए थे। हालांकि, भारी भीड़ के प्रबंधन में कमी के चलते यह हादसा हुआ। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने की चेतावनी दी है।