भोपाल। शिवराज सरकार द्वारा मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश वापस लेने के बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि सोमवार को त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव स्थगित या निरस्त हो जाएंगे, पर देर शाम तक निर्णय नहीं हो सका। राज्य निर्वाचन आयोग अध्यादेश वापसी के बाद वैधानिक स्थिति को लेकर परीक्षण करा रहा है। उधर, राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास के साथ आयोग के अधिकारियों के साथ बैठक करके सभी पहलूओं पर विचार किया। इसके बाद विधि विशेषज्ञों से अभिमत लेने का निर्णय लिया गया। देर शाम तक आयोग में विधिक अभिमत का इंतजार होता रहा।आयोग के सचिव बीएस जामोद का कहना है कि विधिक अभिमत प्राप्त होने के बाद ही चुनाव के संबंध में कोई निर्णय लिया जाएगा।
राज्य निर्वाचन आयोग में दिनभर बैठकों का दौर चला। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव उमाकांत उमराव, संचालक पंचायत राज आलोक कुमार सिंह और आयोग के अधिकारियों के साथ लगभग डेढ़ घंटे बैठक की। इसमें विभागीय अधिकारियों ने अध्यादेश वापस लिए जाने की जानकारी दी और बताया कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण की पुनर्विचार याचिका पर तीन जनवरी को सुनवाई होगी। उसके अनुरूप आगामी कार्यवाही की जाएगी।
इसके बाद आयोग के अधिकारियों ने बैठक की और तय किया गया कि अध्यादेश वापस लेने के बाद चुनाव को लेकर विधिक अभिमत लिया जाए। इसमें सुप्रीम कोर्ट के आदेश को भी मद्देनजर रखा जाए, क्योंकि आयोग को निर्देश दिए गए हैं कि अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित पदों को छोड़कर शेष चुनाव की प्रक्रिया चलती रहेगी। हालांकि, यह स्थिति तब थी, जब पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश प्रभावी था और उसके अनुरूप ही चुनाव कराए जा रहे थे। इसकी जगह विधानसभा के शीतकालीन सत्र में संशोधन विधेयक लाया जाना प्रस्तावित था, लेकिन सरकार ने इसे प्रस्तुत नहीं किया और अध्यादेश को वापस ले लिया।
मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज संशोधन अध्यादेश वापस लेने की अधिसूचना जारी होने के बाद प्रदेशभर में यह संदेश गया था कि सोमवार को चुनाव की मौजूदा प्रक्रिया स्थगित या निरस्त कर दी जाएगी। राज्य सरकार के प्रवक्ता डा. नरोत्तम मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से चर्चा में कहा कि देर शाम तक चुनाव स्थगित करने को लेकर निर्णय हो जाएगा, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कोई फैसला नहीं किए जाने से ऊहापोह की स्थिति बन गई है।
दरअसल, नामांकन वापसी के बाद अभ्यर्थी प्रचार में जुट गए हैं। बैनर, पोस्टर लग चुके हैं तो पंफ्लेट भी छपवा लिए गए हैं। बैठकों का दौर भी शुरू हो गया है, पर चुनाव को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। उधर, जिलों में मतदान को लेकर आयोग की तैयारियां भी लगभग पूरी हो गई हैं। मतपत्र और इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन की तैयारी हो गई है। मतदानकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है।