भोपाल।मध्य प्रदेश में सुप्रीम कोर्ट के बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने के फैसले के बाद राजनीति गरमा गई है। बीजेपी और कांग्रेस के नेता ओबीसी आरक्षण खत्म होने पर एक दूसरे पर आरोप-प्रत्योराप लगा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बुधवार को राज्य निवार्चन आयोग ने बड़ी बैठक की। इस बैठक के बाद राज्य निवार्चन आयुक्त बंसत प्रताप सिंह ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव के लिए आयोग तैयार है। 12 जून तक एक चुनाव कराया जाएगा। 30 जून तक दोनों चुनाव कराए जाएंगे। राज्य निर्वाचन आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि नगरीय निकाय चुनाव कराना आज की तारीख में आसान है। आरक्षण और परिसीमन दोनों हो चुके हैं। पंचायत चुनाव में आरक्षण बाकी है। आज पंचायत विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की है। उन्होंने कहा कि हर हाल में जून में चुनाव होंगे। चुनाव की तैयारियों को लेकर कलेक्टर्स को भी निर्देश जारी दिए हैं।
सरकार की तरफ से भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रिव्यू पिटीशन दाखिल करने की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदेश दौरा रद्द कर दिया है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह भी अपना इंदौर दौरा रद्द कर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने की तैयारी में जुट गए हैं। भूपेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार पूरी गंभीरता के साथ पहले दिन से ओबीसी आरक्षण के लिए काम कर रही है। ओबीसी आरक्षण के साथ निकाय चुनाव कराने के लिए सरकार ने सभी प्रयास किए हैं। सरकार की तरफ से रिव्यू पिटीशन लगाने की तैयार है। मुख्यमंत्री विधि विशेषज्ञों से संपर्क में हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से भी चर्चा की जा रही है। वैधानिक रूप से जो प्रयास हो सकते हैं, सरकार सभी कर रही है। हमारी सरकार का स्पष्ट मानना है कि चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ ही हो।
मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि देश व मध्य प्रदेश में पिछड़ा वर्ग के लिए जो भी काम हुआ है, भाजपा की सरकारों ने ही किया है। हमारी सरकार ने मेडिकल कॉलेज समेत अन्य संस्थानों में ओबीसी वर्ग के बच्चों को 27 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की। इससे करीब 4 हजार बच्चों को एडमिशन मिल सकेगा। कांग्रेस ने ओबीसी वर्ग के लिए एक भी काम नहीं किया। कांग्रेस ने झूठ बोलने के आलावा कोई काम नहीं किया। कांग्रेस हमेशा ही ओबीसी विरोधी रही है।