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प्रिंसिपल हत्याकांड में थाना प्रभारी हुए लाइन अटैच

इंदौर। बीएम कॉलेज की प्राचार्य विमुक्ता शर्मा को पेट्रोल डालकर जलाने की घटना नहीं होती, यदि सिमरोल थाना प्रभारी पहले हुई तीन शिकायतों पर एक्शन समय पर ले लेते। ऐसे नहीं हुआ और उसकी कीमत प्रिसिंपल को जान देकर चुकाना पड़ी। अब इस मामले में सिमरोल थाना प्रभारी आरएनएस भदौरिया भी नप गए। उन्हें एसपी ने लाइन अटैच किया है। इससे पहले एक सहायक उपनिरीक्षक को भी हटाया जा चुका है। एसपी द्वारा जारी आदेश में लिखा गया कि सिमरोल थाने में प्रिंसिपल विमुक्ता शर्मा की हत्या का केस दर्ज किया, लेकिन उससे पहले तीन शिकायती आवेदनों की थाना प्रभारी ने जांच नहीं की। यह कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही है। इस कारण उन्हें लाइन अटैच किया जाता है।

 

 

बिल्व पत्र तोड़ने आई थी प्रिंसिपल, आरोपी ने आग लगा दी

२० फरवरी को प्रिंसिपल शर्मा कॉलेज परिसर में बिल्व पत्र तोड़ने आई थी। तब आरोपी छात्र उनके पास आया और विवाद करने लगा। कुछ देर बाद उसने बाल्ट में भरा पेट्रोल शर्मा पर डाल दिया और लाइटर से आग लगा दी। इसके बाद वह आत्महत्या करने तिंछा फाल की तरफ भागा। पुलिस ने वहां पहुंच कर उसे बचा लिया।

 

शिकायत के बाद भी बरती पुलिस ने लापरवाह

आरोपी छात्र आशुतोष श्रीवास्तव ने जिस दिन पेट्रोल डालकर प्रिंसिपल को जलाया। उससे पहले वह तीन बार कॉलेज जाकर हंगामा कर चुका था। वह सातवें सेमिस्टर में फेल हो गया था और उसके लिए वह प्रिंसिपल को जिम्मेदार मान रहा था। तीन माह पहले उसने कॉलेज के एक कर्मचारी को मार्कशीट के चक्कर में चाकू भी मार दिया था। तब उसे सिमरोल पुलिस ने पकड़ा था, लेकिन बाद में जमानत पर छूट गया था। इसके बाद उनसे कॉलेज में रस्सी लाकर आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी। कॉलेज की तरफ से छात्र आशुतोष को लेकर तीन बार शिकायतें हुई, लेकिन उसे अफसरों ने गंभीरता से नहीं लिया।

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