कटनी। नगर के शहडोल बाइपास चौराहे में लगी पूर्व मंत्री स्वर्गीय माधवराव सिंधिया की प्रतिमा को निर्माण के चलते चाैराहे से अलग करने गले में रस्सी बांधकर उसे लटकाते हुए हटाया गया। मामले का वीडियो इंटरनेट में प्रसारित हुआ तो वहीं कांग्रेस ने इसे पूर्व मंत्री का अपमान बताते हुए कार्रवाई की मांग की। मामला सामने आने के बाद मुख्यमंत्री ने मामले को संज्ञान में लिया। उनके निर्देश पर एनएचआई ने अपने इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की है तो निर्माण एजेंसी के भी दो इंजीनियरों पर कार्रवाई प्रस्तावित की गई है। नगर के चाका के पास शहडोल बायपास व मैहर मार्ग पर चौराहे में पूर्व मंत्री सिंधिया की प्रतिमा नगर निगम ने कई साल पहले स्थापित कराई थी।
जबलपुर बायपास से लेकर चाका तक फोर लाइन मार्ग का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें चौराहे पर ही ब्रिज का निर्माण भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण करा रही है। इसमें सड़क चौड़ीकरण के साथ जगह-जगह ब्रिज का निर्माण कराया जा रहा है। इस कार्य को श्रीजी कंपनी करा रही है।
चाका बायपास चौराहे में लगी प्रतिमा के चारों ओर खुदाई करते हुए ब्रिज का काम कराया जा रहा है, जिसमें प्रतिमा सिर्फ एक मिट्टी के ढेर पर खड़ी थी। उसे उठाकर दूसरे स्थान पर शिफ्ट कराने का कार्य कराया जाना था। जिसमें प्रोटोकाल का पालन न करते हुए अपमानजनक तरीके से प्रतिमा के गले में रस्सी बांधी गई और उसे जेसीबी की मदद से लटकाते हुए अलग कराया गया। अपमानजनक तरीके से प्रतिमा को हटाने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ।
सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने उसको संज्ञान में लिया है। साथ ही एनएचएआई के अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए। एनएचएआई प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने प्राधिकरण अभियंता राजेश नेमा, सहायक ब्रिज इंजीनियर दीपक सोनी निलंबित कर दिया है। वहीं इंजीनियराें को नोटिस दिया है। दूसरी ओर प्रोजेक्ट पर काम कर रही श्रीकंपनी के अधिकारियों ने भी इंजिनियर मनोज वर्मा और आशीष सिंह परिहार के निलंबन की कार्रवाई की है।