आंध्र प्रदेश के पुलिस महकमे में हाल ही में एक बड़ा विवाद सामने आया, जिसमें तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों को मॉडल और एक्ट्रेस को प्रताड़ित करने के आरोप में निलंबित किया गया। ये अधिकारी राज्य के खुफिया प्रमुख, एक पुलिस कमिश्नर और एक एसपी के उच्च पदों पर थे। उनकी इस कहानी में कई मोड़ और सत्ता के दुरुपयोग के आरोप शामिल हैं, जिसने न सिर्फ पुलिस महकमे बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है।
1. डीजीपी सीताराम आंदनेयुलु: पूर्व खुफिया प्रमुख
सीताराम आंदनेयुलु, जो आंध्र प्रदेश पुलिस में खुफिया विभाग के प्रमुख थे, उन पर मॉडल को प्रताड़ित करने में शामिल होने का आरोप है। उन्होंने कथित रूप से मॉडल पर दबाव डाला कि वह मुंबई में एक बड़े अधिकारी के खिलाफ दर्ज किए गए केस को वापस ले लें। उनका नाम मॉडल द्वारा दर्ज किए गए आरोपों में प्रमुखता से आया, जिसमें कहा गया कि सीताराम ने अपनी ताकत और पद का गलत इस्तेमाल करते हुए उसे झूठे मामलों में फंसाया।
आंदनेयुलु का करियर एक लंबी सेवा और कई सफल अभियानों से भरा रहा है, लेकिन इस मामले में उनका नाम आने के बाद उनकी छवि पर गहरा असर पड़ा है। निलंबन के बाद उनकी भूमिका की गहन जांच की जा रही है, जिससे उनके करियर पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।
2. क्रांति राणा टाटा: विजयवाड़ा के पूर्व पुलिस कमिश्नर
आईजी क्रांति राणा टाटा, जो विजयवाड़ा के पुलिस कमिश्नर के रूप में कार्यरत थे, को भी इस मामले में निलंबित किया गया है। क्रांति राणा का नाम इस प्रताड़ना मामले में तब सामने आया जब मॉडल ने बताया कि उन्हें पुलिस की तरफ से भारी दबाव का सामना करना पड़ा, जिसमें टाटा की भूमिका भी थी। उन्होंने कथित रूप से मामले को दबाने और मॉडल को परेशान करने के लिए कानून का दुरुपयोग किया।
क्रांति राणा टाटा को उनकी सख्त छवि और अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई के लिए जाना जाता था, लेकिन इस मामले में उनका नाम जुड़ने से उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हो गई है। पुलिस की कार्यप्रणाली में सत्ता के गलत इस्तेमाल और व्यक्तिगत स्वार्थों के लिए कानून के दुरुपयोग के आरोप उनके करियर के लिए एक बड़ा धक्का साबित हो रहे हैं।
3. विशाल गुन्नी: पूर्व डिप्टी कमिश्नर (विजयवाड़ा)
विशाल गुन्नी, जो उस समय विजयवाड़ा के डिप्टी कमिश्नर के पद पर थे, का नाम भी मॉडल प्रताड़ना मामले में प्रमुखता से आया। आरोप है कि उन्होंने भी अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर मॉडल पर दबाव डाला और उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की साजिश की। विशाल गुन्नी का करियर भी काफी प्रभावशाली रहा है, लेकिन इस मामले में उनका नाम जुड़ने से उनकी विश्वसनीयता पर सवाल उठने लगे हैं।
विशाल गुन्नी की भूमिका इस मामले में अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर प्रताड़ना की रणनीति तैयार करने में बताई गई है। इस मामले में उन्हें निलंबित कर दिया गया है और जांच की जा रही है कि उन्होंने किस हद तक अपनी ताकत का दुरुपयोग किया।
मॉडल प्रताड़ना का पूरा मामला
मॉडल और एक्ट्रेस ने मुंबई में एक बड़े अधिकारी के खिलाफ केस दर्ज कराया था, जिसमें उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप थे। इस केस को वापस लेने के लिए इन तीनों अधिकारियों ने कथित रूप से मॉडल को परेशान करना शुरू किया। फरवरी 2023 में धोखाधड़ी के आरोप में मॉडल को गिरफ्तार किया गया, जिसे प्रताड़ना का एक हिस्सा बताया गया है। आरोप है कि एफआईआर और गिरफ्तारी एक साजिश के तहत की गई थी ताकि मॉडल अपने केस से पीछे हट जाए।
इन तीनों अधिकारियों को अब निलंबित कर दिया गया है और मामले की गहन जांच चल रही है। यह मामला आंध्र प्रदेश पुलिस की छवि को गहरी चोट पहुंचाने वाला है और राज्य में पुलिस अधिकारियों द्वारा सत्ता के दुरुपयोग का बड़ा उदाहरण बन गया है।
इस मामले में न्याय की उम्मीद अब जांच पर निर्भर है, लेकिन इन अधिकारियों का करियर इस विवाद के कारण गंभीर संकट में है।