वेतन बढ़ोतरी समेत अन्य मांगाें को लेकर हमीदिया और सुल्तानिया अस्पताल की नर्सें बुधवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगी। इसकी जानकारी मंगलवार को प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन की प्रदेश अध्यक्ष मंजू मेश्राम ने दी। उन्होंने बताया हे कि हमारी बैठक में एक राय बनी है। सभी बुधवार को अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएगी। इधर अस्पताल प्रबंधन ने सोमवार से ही नर्सेस की हड़ताल को देखते हुए मरीजों को परेशानी से बचाने के लिए तीन दिन के लिए नर्सिंग स्टूडेंट्स और एनआरएचम की तरफ से तैनात नर्सेस की रोस्टर बनाकर ड्यूटी लगाई गई है। वहीं, यह बात भी सामने आ रही है कि हड़ताल को लेकर नर्सेस में भी एक राय नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि नर्सेस की बुधवार से शुरू हो रही हड़ताल कितनी सफल हो पाती है।
हमीदिया की 300 और सुल्तानियां की 100 नर्सेस ने अपनी मांगों को नहीं मानने पर सोमवार को एक दिन के सामूहिक अवकाश पर जाने का ऐलान किया था। सोमवार सुबह नर्सेस अधीक्षक कार्यालय के सामने एकत्रित हुई। यहां हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक और गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन के आश्वासन के बाद नर्सेस काम पर लौट गई थी।2004 के बाद नियुक्त सभी स्टाफ नर्सों की पुरानी पेंशन लागू की जाए। कोरोना काल में काम करने वाली नर्सेस को दो वेतन वृद्धि दी जाए। 2018 के आर्दश भर्ती नियमों में संशोधन करते हुए 70 प्रतिशत, 80 प्रतिशत एवं 90 प्रतिशत का नियम हटाया जाए एवं प्रतिनियुक्ति समाप्त कर स्थानांतरण की प्रक्रिया चालू की जाए। सरकारी अस्पताल एवं मेडिकल कॉलेजों में सेवारत नर्सेस को उच्च शिक्षा के लिए आयु सीमा बंधन हटाया जाए।
कोरोना काल में अस्थाई रूप से भर्ती की गई नर्सेस को नियमित किया जाए। अन्य राज्यों की तरह प्रदेश के समस्त नर्सेस का स्टाफ नर्स से पदनाम पदलकर नर्सिंग ऑफिसर किया जाए। स्वाशासी में से पदस्थ नर्सेंस को सातवा पे कमीशन का लाभ वर्ष 2018 के बजाए सभी कर्मचारियों की भर्ती वर्ष 2016 से दिया जाए। कोरोना काल में शहीद हुए नर्सिंग स्टाफ के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति देने के साथ 15 अगस्त को राष्ट्रीय कोरोना योद्धा अवार्ड से सम्मानित किया जाए। मेल नर्स की भर्ती भी तत्काल की जाए। शासकीय नर्सिंग कॉलेज एवं स्कूल में अध्ययनरत छात्राओं को कलेक्ट्रेट दर पर मानदेय दिया जाए।