सागर। सागर में डॉ. हरिसिंह गौर केंद्रीय विश्वविद्यालय अब सियासी अखाड़ा बन गया है। शुक्रवार दोपहर को एक मुस्लिम छात्रा ने हिजाब पहनकर एजुकेशन डिपार्टमेंट में नमाज पढ़ी। इसका वीडियो सामने आने पर बवाल खड़ा हो गया है। हिंदू संगठनों ने इस पर आपत्ति उठाते हुए कार्रवाई करने की मांग की है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
ये वीडियो सामने आया है उसमें दमोह की रहने वाली छात्रा बीएससी बीएड फाइनल ईयर की छात्रा है। वह शुक्रवार को डिपार्टमेंट में नमाज पढ़ रही थी। किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। हिंदू जागरण मंच ने छात्रा के क्लासरूम में नमाज पढ़ने पर आपत्ति जताई है। हिंदू जागरण मंच के सागर जिले के अध्यक्ष उमेश सराफ ने शिकायत में कहा है कि छात्रा का क्लासरूम में नमाज पढ़ना आपत्तिजनक है। इसकी शिकायत कुलपति प्रो. नीलिमा गुप्ता और रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा से कर मामले की जांच की मांग की गई है। रजिस्ट्रार संतोष सहगौरा ने कहा कि वीडियो क्लिप के साथ शिकायत मिली है। पांच सदस्यीय समिति बना दी है। वह इस मामले की जांच करेगी। समिति तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। उसके आधार पर आगे की कार्यवाही करेंगे। यूनिवर्सिटी के मीडिया ऑफिसर विवेक जायसवाल ने कहा कि
विश्वविद्यालय प्रशासन का कहना है कि यूनिवर्सिटी में कोई ड्रेस कोड नहीं है। विद्यार्थियों के लिए सिर्फ नैतिक यूनिफॉर्म पहनकर आना जरूरी है। राज्य सरकार ने भी इस मसले पर साफ कहा है कि हिजाब पर प्रदेश में कोई प्रतिबंध नहीं है। इससे पहले प्रदेश के कुछ जिलों में स्कूलों में छात्राओं के हिजाब पहनकर आने पर विवाद की स्थिति बनने पर गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने इस संबंध में सफाई दी थी।
कर्नाटक हाईकोर्ट ने 15 मार्च को याचिकाकर्ताओं की क्लासरूम में हिजाब या हेडस्कार्फ पहनने की अनुमति मांगने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। यह भी कहा था कि इस्लाम की धार्मिक परंपरा में यह जरूरी नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर अर्जेंट सुनवाई से इनकार कर दिया था।